इस साल चीड़ की पत्तियों की राखी से सजेगी भाईयों की कलाइयाँ

इस साल चीड़ की पत्तियों की राखी से सजेगी भाईयों की कलाइयाँ

प्रतिष्ठा श्रीवास्तव की रिपोर्ट
भारत-चीन तनाव के बीच इस साल 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर चीड़ की पत्तियों से बनी राखी से भाई की कलाई सजेगी। पिछले वर्ष स्टार्टअप इंडिया की ओर से हीरो ऑफ द स्टेट का अवार्ड जीतने वाली शाहपुर के रैत गांव की कम पढ़ी लिखी सुदर्शना देवी बाजार में चीड़ की पत्तियों से बनी राखी उतारेंगी। यह अपनी तरह का कल्पना से परे स्वदेशी प्रयोग सुदर्शना देवी कर रही हैं।

सुदर्शना ने बाकायदा महिलाओं का ग्रुप भी बनाया है। सभी महिलाएं चीड़ की पत्तियों से राखी बना रही हैं। राखी का दाम अभी बाद में निर्धारित किया जाएगा। चीड़ की पत्तियों से बनी राखी की गुणवत्ता बेहतर हो, इसके लिए जयराम सरकार सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत अपने खर्चे पर इन दिनों सुदर्शना को सीएसआईआर अनुसंधान केंद्र पालमपुर में ट्रेनिंग दे रही है। सुदर्शना खुद और अपने गांव की महिलाओं को अपनी बेजोड़ कला के दम पर आत्मनिर्भर बनाने में लगी हैं।
सुदर्शना चीड़ की पत्तियों से चपाती बॉक्स, फूलदान, टेबल मैट, पेन बॉक्स, ट्रे आदि घरेलू उत्पाद बना चुकी हैं। इन उत्पादों को बनाने को लेकर सुदर्शना देवी प्रदेश में हजारों महिलाओं को प्रशिक्षण दे चुकी हैं। साथ की निफ्ट कांगड़ा के प्रशिक्षुओं को भी ट्रेनिंग देती हैं।

सुदर्शना देवी को सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत सीएसआईआर अनुसंधान केंद्र पालमपुर में ट्रेनिंग दे रहा है। इससे सुदर्शना देवी की कला को गुणवत्ता का बेजोड़ सहयोग मिलेगा। फिलहाल चीड़ की पत्तियों से जो सामान सुदर्शना बना रही हैं, उसकी गुणवत्ता अधिक बढ़ाने के लिए सरकार उसे ट्रेनिंग दे रही है। इसके बाद बाजार में चीड़ की पत्तियों से बने सामान की ज्यादा मांग बढ़ेगी।