निर्भया केसः फांसी के लिए लिया गया दोषियों के गले का नाप, फूट-फूटकर रोए चारों।

निर्भया केसः फांसी के लिए लिया गया दोषियों के गले का नाप, फूट-फूटकर रोए चारों।

तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने तैयारी शुरू कर दी गई है।

जेल में डमी से फांसी का अभ्यास करने से पहले शनिवार को चारों दोषियों के गले का नाप लिया गया।

साइज के हिसाब से जेल प्रशासन फांसी का फंदा तैयार करेगा।

इस दौरान चारों दोषियों की लंबाई मापी गई और वजन भी लिया गया।

पूरी प्रक्रिया के दौरान चारों गुनहगार फूट-फूट कर रोते रहे।

*जेल सूत्रों का कहना* है कि फांसी देने से पहले चारों दोषियों की डमी बनाकर उससे अभ्यास किया जाना है,

जेल मैन्युअल के तहत यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है। डमी तैयार करने के लिए शनिवार को दोषियों की लंबाई,

वजन और गले का नाप लिया गया।

*सूत्रों के मुताबिक*, जिस वक्त गुनहगारों की माप ली जा रही थी,

उस वक्त वह फफक-फफक कर रो पड़े थे।

उन्हें अपने सामने मौत नजर आ रही थी। मौके पर मौजूद जेल कर्मियों ने उन्हें किसी तरह शांत कराया।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गले का नाप लेने के दौरान काफी सर्तकता बरती जाती है,

इसका नाप बाएं कान के नीचे जबड़े के पास से लिया जाता है। गांठ वहीं से शुरू होती है,

इसे तैयार करने में वजन का भी ध्यान रखा जाता है,

इसके हिसाब से गांठों की संख्या तय होती है,

ज्यादा वजन वाले गुनहगार के फंदे के लिए ज्यादा गांठें लगाई जाती हैं,

जबकि कम वजन वाले के लिए कम,

फांसी के एक फंदे में तीन से पांच-गांठ होती है।

फांसी पर लटकाए जाने के बाद एक-एक गांठ खुलती जाती है,

इससे गर्दन पर फंदा कसता रहता है,

आखिर में गुनहगार की गर्दन टूट जाती है,

जेल अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के वजन के हिसाब से फंदे की लंबाई भी तय होती है,

45 किलो वजन वाले के फंदे की लंबाई करीब आठ फिट होती है,

जबकि 90 या उससे ज्यादा वजन वालों के फंदे की लंबाई छह फिट,

तिहाड़ जेल में फांसी के तख्ते के नीचे कुंआ है,

इसकी गहराई करीब 15 फिट है,

जल्लाद द्वारा लीवर खींचते ही तख्ता खुल जाता है और फंदे पर लटकाए गए गुनहगार का आधा शरीर कुएं के अंदर चला जाता है,

करीब आधे घंटे में उसकी मौत हो जाती है।