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भारत-पाक में पानी के लिए होगी अगली जंग? यूं संसाधनों के लिए मची है होड़
भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र कश्मीर में हजारों की संख्या में मजदूर दिन रात हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रॉजेक्ट्स की खुदाई के लिए लगे रहते हैं। यह वह इलाका है कि जहां भारतीय उपमहाद्वीप में ताजे पानी के संकट से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान में ज्यादा से ज्यादा जल का रुख अपनी ओर मोड़ने की होड़ है। दोनों देश यहां नीलम या किशनगंगा नदी पर बड़े से बड़े पावर प्लांट्स स्थापित करने में जुटे हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल के दोनों ओर दो प्रॉजेक्ट्स पूरे होने वाले हैं।
नीलम और झेलम नदी के संगम पर पाकिस्तान की ओर से कंक्रीट और स्टील का अंडरग्राउंड कैथेड्रल तैयार किया जा रहा है। यहां 4 जेनरेटर लगातार काम कर रहे हैं और यहां ट्रांसफॉर्मर्स और नेटवर्क का इंतजार किया जा रहा है। यहां 28 किलोमीटर के दायरे में 6,000 पाकिस्तानी और चीनी वर्कर्स अंडरग्राउंड टनल की खुदाई में बिजी हैं। माना जा रहा है कि इस डैम का काम पूरा होने के बाद पाकिस्तान को 2018 के मध्य तक 969 मेगावॉट तक बिजली मिल सकेगी। सितंबर 2016 में उड़ी कैंप पर आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल समझौते पर विचार करने की बात कही थी।