मुंबई से लौटे परिवार को गांव वालों ने रहने नहीं दिया

 

संवाददाता
देवरिया

देवरिया:मुंबई से देवरिया लौटे एक परिवार को प्रशासन ने होम क्‍वारंटीन होने के लिए कहा लेकिन गांव वालों ने ऐसा होने नहीं दिया। गांव पहुंचने पर लोग इस परिवार का विरोध करने लगे। पुलिस ने उन्‍हें समझाने की कोशिश की लेकिन कोरोना के डर की वजह से उन्‍होंने पुलिस की सुनी, न परिवार की।यहां तक कि परिवार वालों का यह प्रस्‍ताव भी ठुकरा गया कि घर पर सिर्फ महिलाओं और बच्‍चों को छोड़कर सारे पुरुष सदस्‍य गांव के स्‍कूल में क्‍वारंटीन हो जाएंगे।अंत में परिवार को घर छोड़ दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी।यह मामला गौरीबाजार के पोखरभिंडा का है।यहां का एक परिवार मुंबई में रहता था।

लॉकडाउन की वजह से पूरा परिवार सोमवार शाम एक निजी वाहन से गांव पहुंचा था। परिवार में बच्चे, महिलाओं समेत छह सदस्य थे। गांव पहुंचने पर परिवार के सभी सदस्य होम क्वारंटीन के नियमों का पालन कर रहे थे।मंगलवार को इसकी भनक गांव की प्रधान के पति को लगी। पुलिस के अनुसार वह, गांववालों को साथ लेकर इस परिवार के घर पहुंचे और विरोध करने लगे। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए परिवार सकते में आ गया।परिवार के लोगों का कहना था कि महिलाओं और बच्चों को छोड़ परिवार के पुरुष सदस्‍य गांव के स्कूल में क्वारंटीन होने के लिए तैयार हैं।मौके पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन गांववाले और प्रधान के पति ने कोई बात नहीं सुनी।आखिरकार पूरे परिवार को दूसरी जगह जाने को मजबूर होना पड़ा। प्रशासन अब बाहर से आ रहे लोगों को होम क्वारंटीन होने की छूट दे रहा है। सिर्फ बीमारी के लक्षण वाले लोगों को क्‍वारंटीन सेंटर में रहने को कहा गया है।