मुंबई : हाउसिंग सोसायटियों की तरह प्रशासन भी नागरिकों को दे राहत–विनय मिश्रा

संवाददाता : एसपी पांडेय

मीरा-भायंदर: कोरोना महामारी लाकडाऊन के चलते समस्त कारोबारी तथा रोजी-रोजगार की गतिविधियां पूरी तरह से ठप पडी हुई हैं। लोगों की आर्थिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए शहर की कई हाऊसिंग सोसायटियों ने बिल्डिंग में रहने वालेसदस्य परिवारों के मेंटेनेंस बिल को माफ कर उन्हें राहत पहुंचाने का प्रयास किया है। भायंदर पूर्व के गोडदेव गांव की वैशाली टॉवर, ए विंग इमारत के रहिवासियों का मार्च और अप्रैल महीने का मेंटेनेंस बिल माफ करने की जानकारी हाऊसिंग सोसायटी के चेयरमैन अवधेश तिवारी तथा सचिव विनोद यादव ने दी है। उन्होंने कहा कि लाकडाऊन जारी रहने तक हम सदस्य परिवारों को राहत देने का प्रयास करते रहेंगे। भायंदर पूर्व के ही ओस्तवाल पार्क बिल्ड़िंग न.5 को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड जैसल पार्क ने भी कोरोना महामारी के कारण लोगोंं की आर्थिक परेशानी को समझते हुए सभी सदस्यों का तीन महीने का मेंटेनेंस माफ कर दिया है। जिसका निर्णय एक महीने पहले ही लिया जा चुका है। इस इमारत में रहने वाले सभी रहिवासी मध्यम आय वर्ग के हैंं, इसलिए मैनेजमेंट ने यह फैसला लिया है। इसमें करीब सोसाइटी को दो लाख का नुकसान होगा। सचिव विमल अग्रवाल, चेयरमैन राम मंडल, कैशियर अनंत तेलंग, शिवकुमार जोगानी, रविन्द्र शिनॉय के साथ कमेटी के सदस्यों ने उक्त निर्णय लिया है। इसके साथ ही मीरा-भायंदर शहर की कई हाऊसिंग सोसायटियों ने मेंटेनेंस बिल नहीं लेने का निर्णय लिया है। वैशाली टॉवर, ए विंग इमारत के निवासी तथा युवा समाजसेवी विनय मिश्रा ने कहा कि शहर की हाऊसिंग सोसायटियों द्वारा अपने सदस्यों के मेंटेनेंस चार्ज को एक से लेकर तीन महीने तक माफ किए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह धनराशि सोसायटी के सदस्यों द्वारा जमा किए गए मेंटेनेंस का ही हिस्सा है, जो इमारतों की अतिरिक्त मरम्मत अथवा अन्य कार्यों के लिए बतौर संचय निधि के तौर पर रखा गया है, बावजूद इसके कोरोना लाकडाऊन के संकट में जबकि पूरा कारोबार सहित अन्य गतिविधियां ठप्प पडी हुई हैं, हाऊसिंग सोसायटियों द्वारा उठाए गए इस कदम से उसमें रहने वाले सदस्य परिवारों को काफी हद तक राहत मिलेगी। युवा समाजसेवी विनय मिश्रा ने कहा कि हाऊसिंग सोसायटियों का कोई भी खर्च मसलन पानी का बिल, हाऊस कीपिंग, साफ-सफाई, वाचमैन की पगार में कोई कमी नहीं आई है, लिहाजा मेंटेनेंस माफ करने का बोझ जाहिर तौर पर इन पर ही पडने वाला है, फिर भी यह राहत योग्य निर्णय है। उन्होंने कहा कि हाऊसिंग सोसायटियों ने अपनी बिल्डिंगों मेंं रहने वाले परिवारों की समस्याओं को संजीदगी से लेते हुए यह मानवीय निर्णय लिया है, जबकि यह जिम्मेदारी सरकार तथा मनपा प्रशासन की बनती है। विनय मिश्रा ने कहा कि कोरोना लाकडाऊन के इस संकट भरे दौर में मनपा प्रशासन को कम से कम तीन महीने का पानी का बिल, प्रापर्टी टैक्स आदि माफ करना चाहिए। अडानी तथा टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी को मानवता के नाते तीन महीने का बिजली का बिल तथा स्कूल-कालेज के संचालकों को, जब शैक्षणिक संस्थान बंद चल रहे हैं, ऐसी स्थिति में बच्चों की तीन महीने की स्कूल फीस माफ करनी चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। शासन-प्रशासन ने इस बारे में अब तक कोई पहल नहीं की है। उन्होंने शहर के नागरिकों की मुश्किलों को देखते हुए जनहित में शीघ्रातिशीघ्र उक्त राहतों की घोषणा करने की मांग की है। उन्होंने गैस सप्लाई करने वाली कंपनियों से पाईप लाईन तथा सिलेंडर के जरिए इसका घरेलू उपयोग करने वाले ग्राहकों को कम से कम तीन महीने मुफ्त सेवा उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है।