यूनिफार्म क्रय आदेश पर शिक्षकों का जबरिया हस्ताक्षर बंद न हुआ तो आन्दोलन- उदयशंकर शुक्ल

 

बस्ती(रुबल कमलापुरी)। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा है कि उच्चाधिकारियों को 7 सूत्रीय ज्ञापन देने के बावजूद शिक्षक समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका है। प्रधानाध्यापकों से जबरन अपने पसन्द के फर्मो से यूनिफार्म के क्रय आदेश पर हस्ताक्षर कराये जा रहे है। यदि यह क्रम जारी रहा तो शिक्षक आन्दोलन को बाध्य होंगे। उन्होने बताया कि गत 4 जुलाई को डीएम और बीएसए को सौंपे ज्ञापन में कहा गया था कि शासनादेश का खुला उल्लंघन करते हुये अपने मन पसन्द के कर्मियों, फर्माे, संस्थानों से यूनिफार्म आपूर्ति कराये जाने हेतु सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करते हुये वीआरसी स्तर पर विकास क्षेत्र के प्रधानाध्यापकों, इंचार्ज प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाकर क्रय आदेश पर जबरिया हस्ताक्षर कराया जा रहा है। शासनादेश में कहा गया है कि यदि खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा अनुचित दबाव बनाकर यूनिफार्म अपने पसन्द के कर्मियों, फर्मो, संस्थाानों से क्रय/ आपूर्ति कराये जाने का प्रयास किया जाता है तो शासन द्वारा अत्यन्त गंभीरता से लेते हुये कदाचार की श्रेणी में रखते हुये ऐसे खण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कराते हुये प्राथमिकी दर्ज कराने व रिकबरी आदि की कार्यवाही की जायेगी। कहा कि इसके बावजूद जबरिया हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया था कि शासनादेश के विरूद्ध 27 जून से विद्यालयों को खोलकर मनमानी जांच के नाम पर अध्यापकों का वेतन रोका जा रहा है। बिना वैधानिक सूचना के अध्यापकों की बीआरसी पर बुलाई गई बैठक में अनुपस्थित अध्यापकों के वेतन रोकने की कार्रवाई अवैध है। शिक्षकों का वेतन भुगतान ने, अध्यापकों का पैन नम्बर ठीक कराने, विद्यालय कायाकल्प के नाम पर अध्यापकों के विरूद्ध कार्रवाई न करने, अवकाश के लिये आन लाइन आवेदन के लिये बाध्य न किये जाने आदि की मांग शामिल है। संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने चेतावनी दिया है कि यदि शिक्षकों से जबरिया डेªस के लिये हस्ताक्षर कराना बंद न हुआ तो संघ आन्दोलन छेड़ेगा। बताया कि ज्ञापन सौंपने वालों में जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अखिलेश मिश्र, विजय प्रकाश चौधरी, अभिषेक उपाध्याय, चन्द्रभान चौरसिया, स्कन्द मिश्रा, मो. सलाम, इन्द्रसेन मिश्र, गुरूलाल, शमशुल, आदि शामिल थे।