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रंगदारी मामले में नेलोपा अध्यक्ष को मिली राहत,बल्दीराय पुलिस ने भेजा था जेल
बल्दीराय/सुलतानपुर-रंगदारी के मामले में जेल भेजे गए नेलोपा अध्यक्ष अरशद पवार को एडीजे द्वितीय नासिर अहमद की अदालत ने पुलिसिया कहानी को दृष्टिगत रखते हुए राहत दी है।मालूम हो कि बल्दीराय थाना क्षेत्र में बढ़ते अपराध व अवैध कारोबार के खिलाफ नेलोपा अध्यक्ष अरशद पवार ने पुलिस कार्यशैली के खिलाफ मोर्चा खोला था। यही वजह थी कि पुलिस भी अरशद पवार को फंसाने के लिए बहाना ढूंढ़ रही थी। मालूम हो कि करीब 6 वर्ष पूर्व की घटना बताते हुए लकड़ी ठेकेदार मीसम हैदर ने बीते 24 दिसम्बर को 1.25 लाख रूपए हड़प लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। बाद में इसी मामले में रंगदारी की धारा बढ़ोत्तरी करते हुए बल्दीराय थानाध्यक्ष एसपी सिंह की पुलिस ने नेलोपा अध्यक्ष को जेल भेजने की कार्यवाही की। इस मामले में पुलिसिया कार्यशैली को सेटिंग-गेटिंग के दायरे से ही देखा जा रहा है।मामले में तत्कालीन बल्दीराय एसओ एसपी सिंह समेत अन्य पर नेलोपा अध्यक्ष की पिटाई का भी आरोप लगा है। जिसमें मेडिकल कराने को लेकर जेल अधीक्षक से लेकर जेल चिकित्साधिकारी तक सवालों के घेेरे में है।उधर मामला बढ़ता देख एसपी ने भी अपने विवादित थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर भी कर दिया है।इसी मामले में नेलोपा अध्यक्ष की तरफ से सोमवार को जमानत पर सुनवाई चली।जिस पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता अयूब उल्ला खां ने पुलिसिया कार्यशैली पर खड़ा करते हुए आरोपों को निराधार बताया। वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत पर विरोध जताया।उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश नासिर अहमद ने पुलिसिया कहानी को दृष्टिगत रखते हुए नेलोपा अध्यक्ष को राहत दी है। अदालत ने अरशद पवार को 50 हजार के जमानतनामा एवं व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहा करने का आदेश दिया है।