राजस्थान : कांग्रेस में हुई बगावत से गिर सकती है सरकार, हाईकमान एलर्ट

जयपुर।अशोक गहलोत गुट के सक्रिय होने के बाद राजस्थान की राजनीति पल-पल बदल रही है। अब तक मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे सचिन पायलट की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गहलोत गुट के विधायकों ने साफ कर दिया है कि अगर सीएम बदला जाता है तो सरकार भी खतरे में आ सकती है।  मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर हुई बैठक में सीएम गहलोत के सलाहकर और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा, अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री रहना चाहिए। उनकेक अलावा किसी दूसरे को सीएम बनाया तो सरकार गिर सकती है।मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने भी संयम लोढ़ा के बयान पर सहमति दी। मेघवाल ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहें, हम यही चाहते हैं। संयम लोढ़ा एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उन्होंने जो भी कहा है सोच समझकर ही कहा है।

मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री बने रहें। उन्हें बदला नहीं जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंत्री सालेह मोहम्मद ने गहलोत को मुख्यमंत्री बने रहने की बधाई भी दे दी है।

बैठक में रखा गया यह प्रस्ताव
कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले शांति धारीवाल के आवास पर हुई बैठक में गहलोत गुट के विधायकों ने एक प्रस्ताव रखा है। जिसमें कहा गया है कि 2020 सरकार के खिलाफ बगावत कर मानेसर जाने वाले विधायकों को किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री न बनाया जाए। बगावत करने वाले 18 विधायकों को छोड़कर किसी को भी आलाकमान मुख्यमंत्री बना दे, हम उसका समर्थन करेंगे।

कांग्रेस आलाकमान की ओर से विधायकों को आदेश मिला है कि वह एक लाइन का प्रस्ताव पारित करें। सीएम कौन बनेगा इसका फैसला आलाकमान पर छोड़ दें। बताया जा रहा है कि विधायक इस फैसले के भी विरोध में हैं।

गहलोत गुट के मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर हुई बैठक में करबी 60 विधायक पहुंचे थे। इनमें निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला। गोपाल मीणा, राजेंद्र पारीक, महेंद्र चौधरी, रामलाल जाट, महेश जोशी, नगराज मीणा, जेपी चंदेलिया और दीपचंद खेरिया सहित अन्य विधायक शामिल थे। मंत्री धारीवाल के आवास के बाहर एक बस भी खड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि गहलोत समर्थक विधायक इसी बस से एक साथ विधायक दल की बैठक में जा सकते हैं।