शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के डूब गये 11.42 लाख करोड़ रुपये,
कोरोनावायरस, कच्चा तेल और दिग्गज शेयरों में हुई बिकवाली ने शेयर बाजार की कमर तोड़ कर रख दी है। डब्लूएचओ द्वारा कोरोनावायरस को महामारी घोषित किये जाने के बाद वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों का हाल बुरा हो गया है। इस बीच गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार की भी हालत खराब हो गयी। सेंसेक्स में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। सेंसेक्स 2017 के स्तर पर पहुँच गया, जबकि निफ्टी 9600 के भी नीचे पहुँच गया है। इसी गिरावट के चलते निवेशकों के 11.42 करोड़ रुपये सिर्फ एक दिन में डूब गये। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज में भारी गिरावट के चलते मुकेश अंबानी के 1.11 लाख करोड़ रुपये डूबे। कंपनियों के डूबे लाखों करोड़ रुपये आंकड़ों के मुताबिक बीएसई कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटल 11.42 लाख करोड़ रुपये लुढ़क कर 126 लाख करोड़ रुपये रह गयी। ये 2017 के आंकड़ों के काफी करीब है। 30 जून 2017 को बीएसई की सभी लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैपिटल 125.96 लाख करोड़ रुपये थी। जहां तक सेंसेक्स का सवाल है तो 35,697.40 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले 34,472.50 पर खुलने के बाद 2919.26 या 8.18 फीसदी की गिरावट के साथ 32,778.14 पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का निफ्टी 10,458.40 के मुकाबले सुबह 10,039.95 पर खुल कर अंत में 868.25 अंक या 8.30 फीसदी की गिरावट के साथ 9,590.15 पर बंद हुआ।
*सेंसेक्स की टॉप 10 गिरावट*
-12 मार्च 2020 को सेंसेक्स 2919.26 अंक गिरकर बंद हुआ
-9 मार्च 2020 को सेंसेक्स 1941.67 अंक गिरकर बंद हुआ
-24 अगस्त 2015 को सेंसेक्स 1624.51 अंक गिरकर बंद हुआ
-28 फरवरी 2020 को सेंसेक्स 1448.37 अंक गिरकर बंद हुआ
-21 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 1408.35 अंक गिरकर बंद हुआ
-24 अक्टूबर 2008 को सेंसेक्स 1070.63 अंक गिरकर बंद हुआ
-1 फरवरी 2020 को सेंसेक्स 987.96 अंक गिरकर बंद हुआ
-17 मार्च 2008 को सेंसेक्स 951.03 अंक गिरकर बंद हुआ
-3 मार्च 2008 को सेंसेक्स 900.84 अंक गिरकर बंद हुआ
-6 मार्च 2020 को सेंसेक्स 893.99 अंक गिरकर बंद हुआ