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नवविवाहित दम्पत्तियों को जागरूक करना आशा की होगी पहली प्राथमिकता
देवरिया। जनसँख्या स्थिरता के लिए नवविवाहित दम्पत्ति को पहले एक-दूसरे को जानने और आगे की राह आसान बनाने के लिए परिवार नियोजन को अपने जीवन में उतारने की जरुरत होगी। इसके लिए 11 जुलाई से चलने वाले जनसंख्या पखवारा दिवस के बारे में गाँवो में आशा और एएनएम घर घर जाकर जागरुक करेंगे।
यह जानकारी देते हुए एसीएमओ आरसीएच डॉ बीपी सिंह ने कहा कि इस दौरान आशा कार्यकर्ता उस घर को प्राथमिकता देंगी जहाँ कोई नव-विवाहित दंपत्ति हों। ऐसे दम्पत्तियों से इस बात पर चर्चा करेंगी कि अनचाहा गर्भ आपके सपनों और आपके पास मौजूद संसाधनों को सीमित करता है। इसके साथ ही उनकी आवश्यकतानुसार गर्भ निरोधक साधन भी उन्हें उपलब्ध कराएंगी। परिवार नियोजन की अंतराल विधियों का संचालन पहले की तरह जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। कोविड-19 वाले क्षेत्रों में फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से कोविड 19 से बचाव का पूर्ण पालन करते हुए अंतराल विधियों का वितरण किया जाये। सभी नॉन कोविड स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन संबंधी परामर्श व अस्थायी गर्भ निरोधक साधनों की उपलब्धता जरूर होगी। इसके अलावा प्रसव इकाइयों पर सभी अस्थायी विधियाँ जैसे – पीपीआईयूसीडी, पीएआईयूसीडी, अंतरा, छाया, कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां पहले की तरह प्रदान की जाएगी। अनचाहे गर्भ व गर्भपात से बचने के लिए यह बहुत ही जरूरी हैं। विभाग को भी यह ध्यान देना है कि यदि किसी आशा या एएनएम को सर्दी, खांसी व गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण हों या कन्टेनमेंट जोन में कार्य किया हो या वहां निवास करतीं हों तो उनकी जांच कराया जाएगा।