रतन गुप्ता सोनौली
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्यामलाल राम के निलंबन पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी को सुनकर दिया है।
मामले के तथ्यों के अनुसार श्यामलाल को एक बस की दुघर्टना के बाद लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। निलंबन आदेश के विरुद्ध उन्होंने यह याचिका दाखिल की। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी का कहना था कि एक दुघर्टना के कारण याची को निलंबित कर दिया गया जबकि उसका संबंध सिर्फ वाहन के पंजीकरण से है। दुघर्टना वाहन चालक की लापरवाही से हुई थी।
साथ ही रिकार्ड पर ऐसा कुछ नहीं है जिससे पंजीकरण में किसी खामी का पता चलता हो। इसके अलावा 90 दिन बीत जाने के बाद भी याची को चार्जशीट नहीं दी गई है। कोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही याची को प्रतिउत्तर के लिए दो सप्ताह का समय दिया है