सावन मास में रिमझिम फुहार तो है लेकिन नहीं नजर आ रहा है कांवरियों का जत्था
भटनी (देवरिया)। सावन का महीना लगते ही बाबा धाम की यात्रा शुरू हो जाती है। यात्रा के दौरान रिमझिम बारिश का आनन्द लेते हुए कांवरियों का दल गेरुआ रंग में जयकारा लगाते हुए निकलता हैं तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। लेकिन इस साल का सावन मास कोरोना की भेंट चढ़ गया है।
इस पर कोरोना ने ऐसा कुंडली मार दिया है कि यह आस्था पर भारी पड़ गया है। बाबा धाम की यात्रा के लिए इस साल ना तो लोगों में कोई तैयारी दिख रहा है ना तो कोई उंमग ही है। हर साल बाबा धाम की यात्रा करने वालें अर्जुन शाही को मलाल है कि कोरोना महामारी के चलते इस बार वे बैजनाथ धाम नहीं पहुंच पा रहे हैं। भटनी बाजार का एक व्यवसायी आशुतोष मद्देशिया ने बताया कि पिछले साल तक सावन महीने में बाबा बैजनाथ धाम जाने को लेकर गेरुए वस्त्रों की अच्छी खासी बिक्री हो जाती थी जो इस साल नही हो पायी है। अर्जुन शाही जैसे हजारों की संख्या में क्षेत्र के श्रद्धालु हैं जो बाबा धाम नहीं पहुंच पा रहे। खैर जहाँ तक आस्था की बात है तो कम नहीं हुआ है। भले ही लोग बाबा धाम नहीं पहुंच पा रहे है तो क्या हुआ क्षेत्र के बनकटा तिवारी स्थित जंगली बाबा के स्थान पर लोग जलाभिषेक कर रहे हैं। क्षेत्र के हर शिवालयों पर भक्त गण भगवान भोले नाथ की दरबार में पहुंच कर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।