दूरसंचार कंपनियों पर SC के डंडे का पहला नतीज़ा सामने आया है।
भारत में रेलवे, बैंकिंग और रक्षा क्षेत्र को ब्रॉडबैंड सुविधाएं देने वाली अमेरिकी कंपनी ह्यूजेस नेटवर्क सिस्टम्स ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है।
इस कंपनी पर 600 करोड़ रुपये की देनदारी है। 20 फरवरी को दूरसंचार मंत्री को लिखे पत्र में कंपनी ने भारत में अपनी सेवाएं बंद करने की सूचना दी है।
ऐसा हुआ तो सबसे पहला असर 70 हज़ार एटीएम मशीनों पर पड़ेगा, जो बंद हो सकती हैं। रेल सेवाएं ठप हो सकती हैं।
कंपनी ने साफ कर दिया है कि वह 600 करोड़ देने की स्थिति में नहीं है और दिवालिएपन की प्रक्रिया में है।
सिर्फ सेवाएं नहीं, बैंकों के 600 करोड़ भी डूब गए। आगे अगर वोडाफोन-आईडिया भी कंगाल हो जाये तो हैरत नहीं।
ये बंद हुई तो 13000 नौकरियों के साथ 57000 करोड़ भी डूब जाएंगे।
फिलहाल तो अपन ट्रम्प चच्चा को खिला-पिलाकर रवाना करें। फिर अर्थव्यवस्था की कालीन में पैबंद लगाने की कोशिश करें।