कोरोना को मात देगी दो गज की दूरी-डॉक्टर के0पी0 कुशवाहा मेडिकल पुर्व प्राचार्य
गोरखपुर
जिला अपराध संवाददाता राजेश कुमार शिलांकुर
गोरखपुर:कोविड-19 को सही मायने में मात देना है तो हम सभी को “दो गज की दूरी” के अनुशासन को अपने जीवन में उतारना होगा।बहुत लम्बे समय तक देश को लाक डाउन के हवाले नहीं किया जा सकता । सरकार द्वारा जरूरी सेवाओं और दफ्तरों में कामकाज शुरू करने के साथ ही दो गज की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है । इस जिम्मेदारी को तब तक निभाने की बड़ी जरूरत है जब तक कि इस वायरस को पूरी तरह से मात देने वाली वैक्सीन या मुकम्मल इलाज की व्यवस्था नहीं हो जाती।
यह विचार बीआरडी मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. केपी कुशवाहा का है. वह कहते हैं कि “इस समय देश एक ऐसे वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है जो कि खतरनाक व शीघ्रता से फैलने वाला है । ऐसे में उससे सुरक्षित रहना है तो जरूरी सावधानी तो बरतनी ही होगी । इस बारे में लोगों को बराबर जागरूक भी किया जा रहा है कि कोरोना के संक्रमण से बचना है तो सार्वजानिक स्थलों पर एक दूसरे से कम से कम दो गज यानि छह फुट की दूरी बनाकर रखें क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से आप भी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं ।
इसके लिए जरूरी है कि किसी भी स्थल पर भीड़भाड़ से बचना होगा । खरीदारी के वक्त भी इसका पालन करना होगा । किसी भी दुकान (शॉप) पर एक समय पर पांच लोगो से ज्यादा की भीड़ से बचना होगा। ”
उन्होंने कहा कि खांसते व छींकते समय नांक व मुंह को रूमाल से ढंक लें या भुजाओं का इस्तेमाल करें। खांसने, छींकने या शौच से आने के बाद एक मिनट तक हाथ धोएं। आने वाले दो-तीन वर्षों तक सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करना होगा। लंबे समय तक भीड़भाड़ से बचना होगा।
प्रो. कुशवाहा का कहना है कि हर कदम पर टोकाटाकी के बाद ही सुरक्षा मानकों के पालन करने की आदत को छोड़कर अब खुद से इसको अपने जीवन में ढालना होगा, क्योंकि इसी में आपकी, आपके परिवार और समुदाय की भलाई है ।
कार्यालयों में भी एक उचित दूरी पर ही बैठकर कार्य करना होगा। घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना भी बहुत जरूरी होगा । वायरस घर-दुकान या कार्यालय की सतह और सामानों पर भी हो सकते हैं, इसलिए साफ़-सफाई पर भी ज्यादा ध्यान देना जरूरी है । ऐसे स्थलों और दफ्तरों की सफाई के लिए ब्लीचिंग पाउडर या कीटाणुनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं । इन स्थलों के बार-बार इस्तेमाल होने के चलते काउंटर, दरवाजों, कुण्डियों आदि के जरिये संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, इसलिए उनकी भी विधिवत सफाई का ख्याल रखें ।