देवरिया जिला अस्पताल में छह साल के मासूम से स्ट्रेचर खिंचवाने के मामले में डीएम अमित किशोर ने जांच बिठा दी है। सोशल मीडिया में ऐसा वीडियो वायरल होने के बाद सोमवार को अचानक जिला अस्पताल पहुंचे डीएम ने घायल छेदी यादव और उनकी बेटी बिंदू से मिलकर घटना की पूरी जानकारी ली।
उनके साथ सीएमओ डॉ.आलोक पांडेय, सीएमएस डॉ.छोटेलाल और एसडीएम सदर दिनेश मिश्र भी थे। जिलाधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक महिला और बच्चे स्ट्रेचर खींचते नज़र आ रहे हैं। इस संबंध में सीएमएस से जानकारी लेने के साथ ही मरीज और उसके परिवारीजनों से बातचीत कर जानकारी ली गई है। घटना के समय वार्ड में कोई वार्ड ब्वॉय नहीं था।
इसी वजह से महिला खुद स्ट्रेचर से मरीज को ले गई। मामले में ड्यूटी पर तैनात वार्ड ब्वॉय को हटाते हुए एसडीएम को जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
ये हैै मामला
देवरिया जिला अस्पताल में छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए मरीजों से रिश्वतखोरी का खुलासा सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो से हुआ। इस वीडियो में छह साल का एक मासूम स्ट्रेचर को धक्का देकर मरीज को ले जाते हुए नज़र आ रहा है। स्ट्रेचर पर मासूम के नाना लेटे हुए हैं।
देवरिया के बरहज क्षेत्र के गौरा गांव निवासी छेदी यादव पिछले दिनों मारपीट की एक घटना में घायल हो गए थे। उन्हें देवरिया जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया। छेदी यादव की बेटी बिन्दू ने बताया कि तीन-चार दिन से वह अपने पिता के साथ जिला अस्पताल में हैं। यहां उन्हें ड्रेसिंग के लिए बीच-बीच में ड्रेसिंग रूम में ले जाना होता है। बिंदू देवी ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारी हर बार स्ट्रेचर के लिए 30 रुपए की मांग करते हैं।
परिवार की स्थिति बार-बार इतने रुपए देने की नहीं थी सो उन्होंने मना कर दिया। इस पर अस्पताल कर्मियों ने छेदी यादव को ड्रेसिंग के लिए ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि 30 रुपए नहीं देने हैं तो मरीज को खुद ही ड्रेसिंग रूम ले जाना होगा। तब बिंदू देवी अपने छह साल के बच्चे शिवम यादव की मदद से पिता को ड्रेसिंग रूम तक ले गईं। इसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।