संवाददाता : एसपी पांडेय
मुंबई। पालघर जिले के भाताने वसई तालुका के राज्य सरकार के होनहार युवा कर्तव्यनिष्ठ वैद्यकीय अधिकारी गट-अ डॉ. कृष्णा यादव अपनी सेवाभावी वृत्ती की वजह से सभी के लिए विशेष आदर्श बन चुके है।वास्तव में जब से कोरोना मरीज मिलने शुरू हुए तभी से डॉ. साहेब अपनी परवाह किए बिना मरीजों की सेवा में डटे हुए हैं।कल की ही बात ले लीजिए (दिनांक 16मई,2020 रात दस बजे)चित्रा बरफ नामक 23साल की महिला जो कि कामन भिवंडी में विभिन्न नामी अस्पतालों में गई लेकिन किसी ने भी उसे भर्ती नहीं किया।लेकिन विरार के भताने स्थित सरकारी अस्पताल में कोरोना की परवाह न करते हुए डॉ.कृष्णा यादव ने उसका इलाज शुरू कर दिया है।आपको याद दिला दूं कि यह वही डॉ. साहब है(डॉ. कृष्णा यादव) जिन्होंने गुजरात अहमदाबाद एक्सप्रेस हायवे पर अपघात में मृत 5लोगों का शवविच्छेदन किया था।साथ ही उन्होंने ही 27मार्च को मिले अज्ञात पुरूष का भी शवविच्छेदन भी किया था और 1अप्रैल को विरार पुलिस द्वारा भेजे गए विरार एवं नालासोपारा के 18मरीजों की कोरोना की जांच कर उन्हें होम क्वारंटीन किया था।2अप्रैल को मनपा क्षेत्र के अंतर्गत विलगीकरण रूग्णालय में कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक बने ,सुवी प्लेस,रायल गार्डन में अति गंभीर कोरोना मरीजों का स्वाब कलेक्शन और उनकी देखभाल इन्होंने ही की थी।इनकी ही तपस्या थी कि मरीज ठीक होकर आज अपने घरों में कृष्णा कृष्णा कर रहे है।विरार के खान्विडे प्रतिभा विद्यालय में उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड के मजदूर निवासियों की नि:शुल्क जांच कर वैद्यकीय प्रमाण पत्र देने का काम जिस तेजी से किया उसकी चर्चा सर्वत्र हो रही है और नवनीत कंपनी के 50 मजदूरों की कोरोना जांच कर वैद्यकीय प्रमाणपत्र देकर अपनी मानवहित में छाप छोड़ी।सचमुच में आज के समय में चिकित्सा जगत में इनके जैसे डॉ. न होते तो शायद गरीबों और गंभीर रूप से बीमारों का ईलाज कैसे हो पाता।इसका अर्थ है कोरोना के मरीजों के लिए कृष्ण बने डॉ. कृष्णा यादव।