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मुंबई : मजदूरों का पैदल पलायन विपक्ष की साजिश – बाबूभाई भवानजी

मुंबई (एसपी पांडेय)। वरिष्ठ भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने एक बयान में कहा कि कोरोना लाकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों, खासकर मुंबई तथा महाराष्ट्र से मजदूरों का अपना गृह राज्यों की ओर पलायन विरोधी पार्टियों की बडी साजिश प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि एक मजदूर 10 किलो के सामान के साथ एक दिन में 20 किलोमीटर ही पैदल चल सकता है। यह वर्ल्ड साइंस की रिपोर्ट है कि एक व्यक्ति 24 घंटों में 20 से 25 किमी ही चल सकता है, तो ऐसे में 1200 किलोमीटर तक पहुंंचने के लिए 60 दिन लगेंगे। भवानजी ने कहा कि लाॅकडाउन 24 मार्च की रात से शुरू हुआ। मतलब 30 मई 2020 तक 66 दिन हुए हैं। यह मान भी लिया जाये कि ये मजदूर 24 मार्च की रात को ही पैदल चल पड़े थे, तो 66 दिनों का राशन इनको कहांं से मिला? उन्होंने कहा कि होटल, ढाबे बंद होने से खाना बनाने के लिए इन्होने क्या साधन प्रयोग किया? और इन्होंने 66 दिनों में इतनी दूरी कैसे तय कर ली? वास्तविकता तो यह है कि सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष अवैध तरीके से सूनसान हाइवे पर जब इन मजदूरों को बस, ट्रक, टेम्पो, जीप आदि से उतारकर पैदल चलाया, और कैमरों में शूट करने के बाद वापस फिर उसी साधन पर चढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई, जब मीडिया में बताया गया कि मजदूर 1500 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके 15 दिन बाद अपने घर पहुंंचे। इसका तो यही मतलब है कि ये सभी मजदूर एक दिन में 100 किलोमीटर पैदल चले, वह भी सामान के साथ, जिसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए जाने की जरुरत है।

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