मुम्बई : मैन्यूफैक्चरिंग हब बनकर उभरेगा भारत – उत्तम जैन

संवाददाता : एसपी पांडेय
मुंंबई : सुप्रसिद्ध वित्त कारोबारी तथा समाजसेवी उत्तम आर. जैन ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रादुर्भाव के लिए विश्व के तमाम देश जिस तरह से चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं, उससे अब यह तय हो चुका है कि इस महामारी से निजात मिलने के बाद भारत दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर बन कर उभरेगा। जैन ने कहा कि अब चीन से दुनिया का पसंदीदा मैन्युफैक्चरिंग हब होने का तमगा छिन सकता है। कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुई दिक्कतों के बीच लगभग 1000 विदेशी कंपनियां सरकार के अधिकारियों से भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने को लेकर बातचीत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कम से कम 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाईल्स तथा सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में भारत में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार से सक्रिय रूप से बातचीत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कंपनियां भारत को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखती हैं, और सरकार के विभिन्न स्तरों के समक्ष अपना प्रस्ताव पेश कर चुकी हैं, जिनमें विदेश में भारतीय दूतावास तथा राज्यों के उद्योग मंत्रालय शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा, वर्तमान में लगभग 1000 कंपनियां विभिन्न स्तरों जैसे इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेल, सेंट्रल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स और राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही हैं। वित्त मामलों के विशेषज्ञ उत्तम आर. जैन ने कहा कि हम इस बात को लेकर आशान्वित हैं, कि एक बार जब कोरोना वायरस महामारी नियंत्रण में आ जाती है, हमारे लिए कई फलदायक चीजें सामने आएंगी और भारत वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग गंतव्य के रूप में उभरेगा। जापान, अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया जैसे कई देश चीन पर हद से ज्यादा निर्भर हैं और यह साफ दिख रहा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में एक बड़े फैसले के तहत कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25.17 फीसदी कर दिया था। नई फैक्ट्रियां लगाने वालों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 17 फीसदी पर ला दिया था, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कम है।