लखनऊ।लगभग नौ घंटे की पूछताछ के दौरान एसपी विजय ढुल सहित कई अन्य अधिकारी क्राइम ब्रांच के दफ्तर से बाहर निकले। लेकिन पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल या समिति का कोई सदस्य बाहर नहीं आया। तिकुनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के घर पर शुक्रवार को दूसरा नोटिस चस्पा होने के बाद मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू शनिवार को क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पर्यवेक्षण समिति के सामने पेश तो हुआ लेकिन देर रात आठ बजे तक 10 घंटे की पूछताछ के बाद जांच टीम उन पर कोई फैसला नहीं ले सकी।
शनिवार की सुबह 11 बजे आशीष मिश्र मोनू को पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पेश होना था, लेकिन वह तय समय से पहले ही 10 बजकर 38 मिनट पर पिछले रास्ते से पुलिस लाइन पहुंच गए। उनके साथ दो वकील अवधेश सिंह और अवधेश दुबे भी क्राइम ब्रांच के दफ्तर में दाखिल हुए। इस दौरान देर रात तक आशीष मिश्र से पूछताछ चली, लेकिन मामले में करीब साढ़े आठ बजे तक कोई नतीजा नहीं निकला।
इस दौरान पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष और डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में जांच टीम में शामिल वरिष्ठ सदस्य आईपीएस सुनील कुमार सिंह, सदस्य अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, सीओ मितौली संदीप सिंह, सीओ गोला एसएन तिवारी, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच और विवेचक विद्याराम दिवाकर, इंस्पेक्टर खीरी सियाराम वर्मा, जन शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी धर्म प्रकाश शुक्ल, स्वाट टीम प्रभारी एसआई शिवकुमार आदि ने आशीष मिश्र से तीखे सवाल किए, जिस पर आशीष मिश्र ने वीडियो फुटेज के साथ अपनी कई दलीलें दीं, लेकिन जांच टीम उनसे असंतुष्ट नजर आई, ऐसा सूत्र बताते हैं।
अफसरों ने नहीं की किसी से बात
लगभग नौ घंटे की पूछताछ के दौरान एसपी विजय ढुल सहित कई अन्य अधिकारी क्राइम ब्रांच के दफ्तर से बाहर निकले। लेकिन पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल या समिति का कोई सदस्य बाहर नहीं आया।
कार्यालय पर डटे रहे केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी इस दौरान क्राइम ब्रांच के दफ्तर से लगभग आधा किलोमीटर दूर अपने कार्यालय पर डटे रहे। इस दौरान उनके साथ भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने समर्थन में नारेबाजी भी की।
13वीं तक कातिल न पकड़े गए तो शुभम के पिता देंगे धरना, कैंडल मार्च निकालकर किया एलान
तिकुनियां कांड में किसानों की भीड़ ने शहर निवासी शुभम मिश्रा, फरधान के शंकरपुर गांव निवासी हरिओम मिश्रा एवं निघासन क्षेत्र के श्याम सुंदर को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। इसमें शुभम और श्यामसुंदर जहां भाजपा पदाधिकारी थे तो वहीं हरिओम मिश्रा मंत्री पुत्र की थार वाहन का ड्राइवर। तहरीर देने के बावजूद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर परिजन को प्रति तक नहीं दी है। इससे शुभम के परिजनों में बेहद नाराजगी है।
पिता विजय मिश्रा के नेतृत्व में परिजन, मित्र एवं मोहल्ले के लोगों ने शनिवार रात घर से संकटा देवी चौराहे तक कैंडल मार्च निकालकर शुभम को श्रद्धांजलि देकर उसके हत्यारों को फांसी देने की मांग की। मृतक के चचेरे भाई उत्कर्ष मिश्रा ने बताया कि ताऊ विजय मिश्रा ने दसवां एवं तेरहवीं तक हत्यारों की गिरफ्तारी न होने पर धरना देने का एलान किया है।
उत्कर्ष का कहना है कि उनका भाई निर्दोष था। फिर क्यों उसे पीट पीट कर मार डाला गया। इसकी तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। हमारी मांग है कि पुलिस नामजद मुकदमा दर्ज कर हत्यारों को फांसी की सजा दे।