लॉकडाउन ने बढ़ाई जुआरियों की मुसीबतें

लॉकडाउन ने बढ़ाई जुआरियों की मुसीबतें

एक तरफ पुलिस का डर तो दूसरी तरफ कोरोना का खौफ

बाराबंकी
संवाददाता

शाम ढलते ही जुआ की फडे सजने लगती है लॉकडाउन में जुआडिय़ों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं।लेकिन अपना शौक पूरा करने के लिए जुआरी चाहे घर हो या फिर खेत खलिहान इतना जुआ का नशा रहता है।लेकिन इन दिनों में लॉकडाउन के चलते पुलिस गश्त भी कर रही है लेकिन पुलिस की नजरों से बचते हुए कुछ स्थानों पर जुआरी अड्डा बना लिये है और इकट्ठा होकर जुआ खेल भी रहे हैं जिसकी कुछ तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई अब देखना है कि अस्थानी प्रशासन क्या करता है जुआरियों के खिलाफ यह तो जांच का विषय है
बताते चले एक तरफ पुलिस का डर है तो दूसरी तरफ कोरोना का खौफ। जुआं शौक ही ऐसा होता है कि जुआरी बिना खेले रह नहीं सकते और उनके इसी शौक ने उन्हें इसके लिए कुछ भी करने को मजबूर कर दिया है। कुछ दिन पहले रात को कुछ जुआरियों ने एक दुकान खुलवाकर लूडो लिए और उससे अपना शौक पूरा करने का मन बनाया लेकिन लूडो से शौक पूरा करने में भी कोरोना वायरस के फैलने का डर है। विदित हो कि देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू है और इसके बाद से लगातार कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। जिसके चलते क्षेत्र के कुछे इलाकों को हॉटस्पॉट जोन घोषित किया गया है। ऐसे में क्षेत्र के जुआड़ी अपना शौक पूरा करने के लिए परेशान देखे जा रहे हैं। जुएं के शौक को पूरा करने के लिए सुरक्षित ठिकानों की तलाश भी की जा रही है। खबरों के मुताबिक शहर से लगे सूनसान इलाकों में कुछ जुआरी अपना शौक पूरा भी कर रहे हैं थाना मोहम्मदपुर खाला क्षेत्र के सिकोहना, सैलक जलालपुर ,गुड़ियनपुरवा गावो में जोरो पर जुवा खेला जा रहा है लेकिन यहां हर समय पुलिस के छापे का डर बना हुआ है। जुआरियों के सामने एक समस्या यह भी जुआ खेलते समय सोशल डिस्टेसिंग का कैसे पालन किया जाए, क्योंकि ताश की गड्डी के पत्ते कभी एक हाथ में रहते हैं तो कभी दूसरे हाथों में। कुल मिलाकर इस समय जुआरी लॉकडाउन को कोसने के सिवाय और कुछ नहीं कर सकते।
सीमाएं भी सील, कहीं जा भी नहीं सकते जुआरियों के सामने एक समस्या यह भी है कि लॉकडाउन के कारण बाराबंकी जिले की सीमाएं सील है, जिसके कारण वह शहर से दूर एकांत स्थान पर भी नहीं जा सकते।