विकास दुबे मामले में जांच के लिए गठित होगी कमेटी, यूपी सरकार ने जताई सहमति, पूर्व जज और पूर्व डीजीपी करेंगे जांच

 

लखनऊ।Vikas Dubey Encounter Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को विकास दुबे व उसके सहयोगियों के एनकाउंटर मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) ने सहमति जताई है। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

कानपुर के भौंती क्षेत्र में 10 जुलाई को एसटीएफ की गाड़ी पलटने के बाद उसमें से पुलिस का हथियार छीनकर भागने के दौरान विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया था। इस एनकाउंटर में उसे तीन गोली लगी थी।

कमेटी में शमिल होंगे पूर्व डीजीपी और कोर्ट के रिटायर जज

उत्तर प्रदेश सरकार विकास दुबे एनकाउंटर केस की जांच के लिए कमेटी के पुनर्गठन को तैयार है। सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर जांच कमेटी मेंं सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और पूर्व DGP को शामिल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट मे कमेटी पुनर्गठन से संबंधित मसौदे के लिए नोटिफिकेशन दाखिल करेगी। अगली सुनवाई बुधवार, 22 जुलाई को की जाएगी। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, ‘इस जांच से कानून मजबूत होगा और पुलिस का मनोबल नहीं टूटेगा। यह केवल एक घटना नहीं है जो दांव पर है। पूरी व्यवस्था दांव पर है।’

हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना खारिज

मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया और विकास दुबे एनकाउंटर की हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में विकास दुबे के एनकाउंटर व हैदराबाद में दुष्कर्मियों के एनकाउंटर में अंतर है। क्योंकि हैदराबाद में दुष्कर्मियों के पास कोई हथियार नहीं था।’ कोर्ट ने आगे कहा, ‘ राज्य सरकार के तौर पर शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जिम्मेवार है।’ उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि वह एनकाउंटर मामले में जांच के लिए दोबारा कमेटी के गठन को तैयार है। राज्य सरकार ने बताया कि इंक्वायरी पैनल द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार यह मसौदे का नोटिफिकेशन 22 जुलाई तक कोर्ट के समक्ष पेश करेगी।