
शुक्लागंज (गोलू यादव)। शुभममणि हत्याकांड के मुख्य आरोपी को पुलिस गिरफ्तार करने में असहज महसूस करते नजर आ रही है। आठ दिन बाद भी मुख्य आरोपी व भाड़े के सूटर पुलिस की गिरफ्त से दूर है।बीते 19 जून को सहजनी चौराहे के पास पोनीरोड ब्रम्हनगर निवासी पत्रकार शुभममणि को भाड़े के सूटर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसमे मृतक के भाई ऋषभमणि के तहरीर पर 10 लोगो को नामजद करते हुए गंगाघाट कोतवाली में हत्या बलवा का मुकदमा दर्ज कराया गया था। नामजद मुख्य आरोपी तक पुलिस का नेटवर्क पहुंचने में फेल साबित हो रही है। उपरोक्त हत्याकांड में पुलिस की जांच के बाद पता चला कि भाड़े के सूटर से पत्रकार शुभममणि की हत्या कराई गई है। क्योंकि शुभममणि सोशल मीडिया पर शक्ति नगर निवासी दिव्या अवस्थी द्वारा अवैध कब्जे को लेकर टिप्पणी कर रहे थे। जिसमें एक वर्ष पूर्व शुभममणि के कार्यालय में जानलेवा हमला भी हुआ था। जिसका मुकदमा गंगाघाट कोतवाली में पंजीकृत है। पुलिस की लापरवाही के कारण एक वर्ष तक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल नही किया गया था। वही शुभममणि के परिजनों ने गंगाघाट पुलिस पर आरोप लगाए थे कि शुभममणि ने गंगाघाट कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया था जिसमे उसने अपनी जान को खतरा बताया था। गंगाघाट पुलिस ने कोई ध्यान नही दिया। इस हत्याकांड की गूंज राजधानी में बैठे आला अधिकारियों के संज्ञान में आने के साथ-साथ प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्या के संज्ञान में भी आया है। एसपी उन्नाव रोहन पी कनय ने चार टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी में लगाया है। लेकिन पुलिस अभी भी मुख्य हत्यारोपी तक पहुंचने में नाकाम साबित हो रही है। पत्रकार शुभममणि की हत्या वाले दिन उसके साथ रहे अहमद नगर निवासी मुख्तार अहमद के बयानों की सीओ सिटी गहनता से पड़ताल कर रहे है। मुख्तार ने सीओ सिटी को मोनू लुटेरा और शहनवाज द्वारा गोली मारे जाने की बात कही थी। पकड़े गए शाहनवाज ने भाड़े के शूटरो द्वारा हत्या कराए जाने की बात पुलिस से कही थी। दोनों के बयानों में अंतर को देखते हुए अब पुलिस मुख्तार के बयानों की जांच में भी जुट गई है। वही पुलिस की अलग-अलग टीम नामजद आरोपियों के कई ठिकाने पर दबिश दे रही है। लेकिन पुलिस के हाथ से मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी फिसलती नजर आ रही है।