1.25 लाख का इनामी डकैत एनकाउंटर में ढेर, गोंडा में 6 लोगों की हत्या में शामिल था

लखनऊ।बुलंदशहर में सवा (1.25) लाख के इनामी डकैत साहब सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया गया। एसपी सिटी सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने बताया, ”आज सुबह चार बजे डकैत साहब सिंह को यूपी एसटीएफ ने नोएडा और बुलंदशहर पुलिस की मदद से घेर लिया। पुलिस को देखते ही डकैत ने फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में डकैत को तीन गोली लगी। इसके बाद उसे घायल अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।”डकैत साहब सिंह पर गोंडा पुलिस ने 1 लाख का इनाम रखा था। इसके अलावा बुलंदशहर पुलिस ने भी उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। साहब सिंह ने 18 अगस्त 2001 को गोंडा के कोतवाली नगर क्षेत्र में घर में घुसकर साथियों के साथ डकैती डाली थी। इसमें घर के सभी 12 लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

इसमें दो बच्चों समेत एक परिवार के 6 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि ड्राइवर ने भी दम तोड़ दिया था। जिनकी पहचान मोहम्मद यूसुफ सिद्दीकी, रिजवान, अरमान, रोमी, शायरा के रूप में हुई थी। मामले में मृतक के भतीजे मोहम्मद अंसार सिद्दीकी ने महेंद्र, कलुआ, सुरेश, पेरू, साहब सिंह, काला, महावीर, सुरेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें साहब सिंह मुख्य आरोपी था।

पिता को खोने वाले तारीख सिद्दीकी की जुबानी, डकैती की कहानी
मृतक मोहम्मद यूसुफ सिद्दीकी के बेटे तारीख सिद्दीकी ने बताया, “2001 में हमारे यहां डकैती पड़ी थी। उसमें हमारे पिता, भाई-भाभी और दो छोटी बच्ची और ड्राइवर की हत्या हुई थी। वहीं इस दौरान परिवार के ही 7 लोग घायल हो गए थे। उसी समय हमारे बड़े भाई ने इस मामले में तहरीर दी थी।

आज हम लोगों को पता चला है कि उस डकैती का मुख्य आरोपी मुठभेड़ से मारा गया। कहीं न कहीं आज 23 साल बाद न्याय मिला है। काफी बड़ा मामला था, हमारा पूरा घर खत्म हो गया था।

उन्होंने कहा, “ये घटना रात में 1 बजे के करीब हुई थी। हम लोग पास के मकान में सो रहे थे। हम लोगों को सुबह पता चला कि डकैती हुई है। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। दरवाजा खोलने के बाद का नजारा बहुत ही खौफनाक था। पूरे घर पर जानलेवा हमला किया गया था। उस समय घर में 12 लोग थे। इस हमले में सभी लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। मरने वालों में दो बच्चियां भी शामिल थीं। जिनकी उम्र 5 साल और सात साल थी।

हमारे पिता मोहम्मद यूसुफ, भाई रिजवान-भाभी अयान और दो बच्चियों रोमी और शायरा और हमारे ड्राइवर नक्की की मौत हो गई थी। वहीं हमारी मां और परिवार के 6 लोगों को इलाज के लिए लखनऊ ले जाया गया था। इलाज के बाद वो लोग सही हो गए थे।
वारदात के समय रिफा चार साल की थी
वहीं इस खौफनाक वारदात में घायल हुई रिफा का कहना है, ”वारदात के वक्त वह महज 4 साल की थी, जब हत्यारों ने उसे मरणासन्न कर छोड़ दिया था, लेकिन ऊपर वाले की कृपा से हो जिंदा बच गई, परिजन तो उसके जिंदा बचने पर भरोसा ही नहीं कर रहे थे, लेकिन चाचा के प्रयास से वह आज भी जीवित हैं, हादसे में अपने मां-बाप और छोटे भाई को खो चुकी रिफा ने कहा कि आज जब उसके परिवार का हत्यारा साहब सिंह मारा गया है, तो उसे खुशी मिली है।

फिरोजाबाद का रहने वाला था
पुलिस के मुताबिक, साहब सिंह फिरोजाबाद के सजेती गांव का रहने वाला था। उस पर लूट, डकैती सहित अन्य मामलों में मुकदमें दर्ज हैं। वो D-84 गैंग का मेंबर भी था। SSP एसटीएफ नोएडा इकाई राजकुमार मिश्रा ने बताया, ” साहब सिंह घरों में डकैती और हत्या कर लूटपाट करने वाले घुमंतू जनजाति के कुख्यात गिरोह का सदस्य था।”

मारे गए इनामी बदमाश द्वारा की गईं प्रमुख घटनाएं…

20 अक्टूबर 2001 को बुलंदशहर के थाना डिबाई क्षेत्र में घर में घुसकर मारपीट कर जेवरात और बंदूक लूट लिया था।
19 दिसंबर 2006 को अलीगढ के थाना छर्रा क्षेत्र में घर में घुसकर दो लोगों की हत्या करके डकैती डाली थी।
20 सितंबर 2014 को बुलंदशहर के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में घर में घुसकर मारपीट करके सोने-चांदी के जेवरात और दोनाली बंदूक लूट लिया था।