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डिफेंस तकनीक हस्तांतरण और निर्माण पर भी भारत-जापान साथ
डोकलाम गतिरोध के बाद जापान के प्रधानमंत्री की मेजबानी कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे के बीच गुजरात के गांधीनगर में होने वाली वार्षिक शिखर बैठक में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चर्चा का मुख्य केन्द्र हो सकता है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जापान से जल-थल-आकाश में चलने में सक्षम यूएस-2 विमान लेने के बहुत समय से लंबित भारतीय प्रस्ताव और रक्षा उद्देश्यों के लिए मानव रहित जमीन पर चलने वाले वाहनों एवं रोबोट के क्षेत्र में अनुसंधान समन्वय के लिए विशेष तौर पर चर्चा हो सकती है. इससे दोनों देशों के बीच सामरिक भागीदारी के साथ रक्षा संबंध भी गहरे हो सकते हैं.
भारत जापान वार्षिक बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब हाल ही में सिक्किम क्षेत्र में चीन के साथ सीमा पर चल रहा डोकलाम गतिरोध खत्म हुआ है, तो उत्तर कोरिया द्वारा किये गये परमाणु परीक्षण और दक्षिण चीन सागर पर चीन के बढ़ते दावे के चलते क्षेत्र में तनाव बढ़ा है. मोदी एवं आबे इस मुद्दे पर विचार कर सकते हैं. आबे की यात्रा से पहले भारत, जापान रक्षा मंत्री स्तरीय वार्षिक वार्ता टोक्यो में हो चुकी है.
इसमें सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन, दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी और यूएस-2 शिनमायवा विमान खरीदने के नई दिल्ली के प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस बात के संकेत हैं कि मोदी और आबे की बातचीत के बाद दिये जाने वाले संयुक्त वक्तव्य में रक्षा सहयोग के बारे में कुछ अंश हो सकते हैं. रक्षा वार्ता के साथ दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए थे कि मानव रहित जमीन पर चलने वाले वाहनों एवं रोबोट के क्षेत्र में अनुसंधान समन्वय के लिए तकनीकी विचार विमर्श शुरू किया जाए.