गरीबों पर लाखों का जुर्माना लगाने वाला विद्युत विभाग अवैध लाइन पर मौन क्यों,
गरीबों पर लाखों का जुर्माना लगाने वाला विद्युत विभाग अवैध लाइन पर मौन क्यों।
रिपोर्ट रायबरेली से शिवशंकर मिश्रा की
रायबरेली जनपद के छतोह विकासखंड अंतर्गत भैनापुर (बस्तापुर) का है। छतोह पावर हाउस पर कार्यरत जेई साहब के अनुसार अवैध रूप से ग्यारह पोल की ग्यारह हजार की लाइन बनाकर समर्सिबल चलाया जा रहा था। जानकारी प्राप्त होने पर स्थानीय थाने पर तहरीर दे दी गई है। अब आगे की कार्यवाही भुक्तभोगी झेलेगा। परन्तु छतोह पावर हाउस के जेई साहब की यह सफाई हकीकत से कोसों दूर है। इस अवैध कनेक्शन की कहानी काफी दिलचस्प है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तापुर मेंं लगभग चार महीने पहले बिजली विभाग की मिलीभगत से समर्सिबल संचालन हेतु अवैध रुप से ग्यारह पोल की लाइन बनवाई गई तथा अपने मध्यस्थों के माध्यम से रिश्वतखोरी की डील तैयार की गई। डील फाइनल होने में शेयर का बंटवारा आड़े आ गया। मध्यस्थता करने वाला डील की पूरी रकम हजम कर गया। भुक्तभोगी किसान बीच में पीस दिया गया है। जेई/एसडीओ के कथनानुसार लाइन में यूज किए गए पोल तार तथा ट्रान्सफार्मर अवैध रूप से लाइन बनाने वाले भुक्तभोगी किसान के हैं। परन्तु जेई साहब इस सवाल पर गोल-2 घूमने लगे जब उनसे पूछा गया कि जब ट्रान्सफार्मर किसान का है तो वही ट्रान्सफार्मर जलनिगम के जले हुए ट्रान्सफार्मर की जगह क्यों लगाया गया। सोचने वाली बात यह भी है कि चार माह से समर्सिबल अवैध सप्लाई से चल रहा था तथा विद्युत विभाग के जिम्मेदार सो रहे थे अवैध घोषित किए गए कनेक्शन की भनक तक नहीं लगी। अगर कोई गांव का गरीब व्यक्ति लाइटें जलाने के लिए कटिया लगा लेता है तो बिजली विभाग के बैरोमीटर में कटिया दिखाई पड़ने लगती है तथा बिजली विभाग के जिम्मेदार सूंघते हुए उस गरीब की छाती पर तांडव करने लगते हैं। इस अवैध कनेक्शन की हकीकत क्या है यह तो उच्च स्तरीय जांच के बाद ही सामने आएगा।