केरोसिन वितरण व्यवस्था बन्द किये जाने की नागरिकों ने की मांग

>> सिर्फ तेल माफिया ही उठा रहे केरोसिन वितरण का फायदा
कछौना, हरदोई ( अनुराग गुप्ता ) । हर घर को बिजली और तकरीबन हर परिवार को उज्ज्वला योजना के तहत एल०पी०जी० कनेक्शन पहुंचने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में केरोसिन की आवश्यकता खत्म हो गई है। केरोसिन वितरण का फायदा केवल तेल माफिया ही उठाते हैं। वर्तमान समय में पात्र गृहस्थी पर 1 लीटर व अंत्योदय लाभार्थी को 2 लीटर देने का प्रावधान है। जिसकी लगभग कीमत 37 रुपये प्रति लीटर है। जो मार्केट में 45 रुपये में आसानी से मिल जाता है। इससे लोग कोटेदार के यहां एक-दो लीटर के लिए लाइन लगाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। नए प्रावधान के तहत अब उन्हीं उपभोक्ताओं को केरोसिन मिलेगा, जिनके घरों में विद्युत कनेक्शन, उज्जवला कनेक्शन नहीं है। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री को पत्र लिखकर केरोसिन वितरण व्यवस्था को बंद कर उसकी जगह कोई दूसरी दैनिक उपयोग की सामग्री उपभोक्ताओं को दिलाने की मांग की है। उन्होंने बताया पर्यावरण के लिए एक सार्थक कदम होगा। वही करोड़ों रुपए की सब्सिडी की बचत सरकार को होगी। रोशनी के लिए सौर ऊर्जा के रूप में लालटेन उपलब्ध करा दिए जाएं। जिससे केरोसिन को डीजल में मिलाकर बेचने का बड़े पैमाने पर गोरखधंधा बंद हो जाएगा। इसका ज्यादातर उपयोग मिलावट के रूप में होता है। कोविड-19 महामारी के चलते लॉक डाउन में उपभोक्ताओं को अप्रैल माह से जून तक 3 माह का केरोसिन न मिलने से उनके जनजीवन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।