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“लाल लहू का काला कारोबार”खून के कारोबार की कालिमा पर रोशनी डालती एक रिपोर्ट….

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सरकारी गाइडलाइंस को ताक पर रखकर जारी है खून बेचने का गोरखधंधा,जिम्मेदार मौन

जी हां यहां खून भी बिकता है….

कमल वर्मा

लखीमपुर-खीरी।खून जो जीवन का आधार है जिसका दान करके व्यक्ति मानवता को भी ऋणी कर देता है,भले ही केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने ब्लड बैंकों में नई गाइडलाइन के अनुसार ब्लड के बदले ब्लड मिलेगा।जिस भी मरीज को ब्लड की जरूरत होगी उस मरीज को अपने घर वाले व नाते रिश्तेदार के द्वारा ब्लड डोनेट करने के बाद ही मरीज को ब्लड मिलेगा यह गाइडलाइन इसलिए बनाई गई क्योंकि गरीब मरीज हो या अमीर सबको ब्लड देने के बाद ही ब्लड मिलेगा पहले क्या था।ब्लड पैसे वाले लोगों को मिलता था।गरीब मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ता था।इस अनुसार नई गाइडलाइन जारी की गई मामला प्रकाश में आया है कि जिला चिकित्सालय में ब्लड डोनेट करने वालों से ना तो कोई आईडी ली जाती है ना वह ब्लड डोनेट करने वाले के साथ किसी की जरूरत नहीं पड़ती है।दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता के द्वारा ब्लड बैंक लखीमपुर में जानकारी ली गई तो प्राप्त जानकारी के अनुसार एक युवक ब्लड डोनेट कर रहा था उसका नाम पूछने पर युवक अजय निवासी जोशी टोला खीरी बताया अजय से जब पूछा गया कि किसके लिये ब्लड दे रहे है तो उसने बताया हीरालाल को जो एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है संवाददाता द्वारा हीरालाल के घरवालों से पूछा गया तो सब गोलमाल बातें करते मिले जितने लोगों से पूछा उतने ही नाम बताएं इससे स्पष्ट होता है जिला चिकित्सालय व प्राइवेट चिकित्सालय द्वारा खून बेचने का अवैध कारोबार किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय के सीएमएस से पूछा गया और मौके पर बुलाया गया तो उन्होंने बताया कि ब्लड डोनेट करने वाले की आईडी लेना जरूरी होता है।नहीं लेते हैं तो वैधानिक कार्यवाही की जाएगी अगर ब्लड बैंक के कर्मचारी अगर डोनेट करने वाले लोगों की आईडी नहीं लेते है तो इसके पीछे चिकित्सालय के उच्च अधिकारियों का नाम तो नहीं।

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