Gorakhpur

सङ रही है लाशें, बंद पड़ा है मुर्दाघर

ए सी खरीद ली गई है अगले हफ्ते तक मोर्चरी शुरू हो जाएगी- सीएमओ डॉ0 आशुतोष कुमार दुबे

गोरखपुर।जनपद के मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम भवन मुर्दाघर में ताला लगा हुआ है नहीं शुरू हो पाई हैं मुर्दाघर की सुविधा।मेडिकल कॉलेज की पुरानी क्षतिग्रस्त मुर्दाघर में जमीन पर बिखरी पड़ी हुई है लाशें। सड़ी हुई और बदबू से आसपास का क्षेत्र सांस लेने योग्य न रह गया है।
फरवरी माह में सीएमओ गोरखपुर से संवाददाता ने उक्त विषय पर वार्ता की जिस पर सीएमओ गोरखपुर डा आशुतोष कुमार दुबे ने यह आश्वासन दिया था कि मार्च में मुर्दाघर की शुरुआत हो जाएगी जिसके लिए आठ डीपफ्रीजर एवं ए सी लगाने हेतू संबंधित को कार्य सुपुर्द कर दिया गया है परंतु अप्रैल माह तक कोई भी कार्य नहीं हुआ है।
मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस का पुनः सर्वेक्षण संवाददाता द्वारा किया गया, जिसमें पाया गया कि मुर्दाघर में अभी भी ताला लगा हुआ है, खिड़की से झांक कर देखने पर मुर्दा घर के अंदर कुछ गत्ते रखे हुए दिखे। वहां उपस्थित से पूछने पर बताया कि उनको आए हुए सिर्फ 3 माह हुए हैं उनको इस विषय में कोई जानकारी नहीं है (नाम व पद बताने से इनकार किया गया)। संवाददाता द्वारा मुर्दाघर का ताला खोलने के अनुरोध करने पर उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को एसी लगाने का कार्य दिया गया है चाबी उसके पास है।

वहीं मेडिकल कॉलेज की पुरानी क्षतिग्रस्त मुर्दाघर में तीन लावारिस लासे जमीन पर पड़ी थी जो काफी हद तक सढ़ी हुई और बदबू दे रही थी। वहां मौजूद व्यक्ति (प्राइवेट कर्मचारी) ने बताया कि सुबह से कई लासे आई थी जो पोस्टमार्टम के लिए चली गई है परंतु यह तीन लाशें लावारिस है जो संभवतः आज अथवा कल पोस्टमार्टम के लिए जाएगा।

डॉ आशुतोष कुमार दुबे सीएमओ गोरखपुर ने बताया कि स्प्लिट ए सीके स्थान पर विंडो ए सी आ गई थी जिसे बदलकर स्प्लिट ए सी मंगवा ली गई है जिसके कारण मोर्चरी शुरू होने में विलंब हो गया। विंडो ए सी से चूहों के अंदर आने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ए सी लगवा कर अगले हफ्ते तक मोर्चरी शुरू हो जाएगी

नहीं है मेडिकल कॉलेज के पास खुद की मोर्चरी

नई मोर्चरी का निर्धारण कर लिया गया है जल्दी मोर्चरी शुरू कर दी जाएगी– डा गणेश कुमार प्राचार्य बीआरडी मेडिकल कॉलेज

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर पर गोरखपुर समेत आसपास के जनपदों के मरीजों का भार रहता है। परंतु इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में खुद की मोर्चरी नहीं है, पुरानी मोर्चरी जो क्षतिग्रस्त और जिस पर ध्वस्तिकरण के आदेश दिए जा चुके हैं उसी मोर्चरी में शवों को फर्श पर रखा जाता है जहां मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली पानी तक नहीं है। कई बार तो लावारिस लाशें 72 घंटे से ऊपर उन्हीं फर्श पर पड़े रहतें हैं जिसे जीव जंतु खा जाते हैं। शवों के आंख नाक कान चूहे और बड़े बड़े कीड़े कुतर डालते हैं। मोर्चरी के अंदर अत्यंत दुर्गंध और मक्खियों के भिन-भिनाने की गूंज सुनाई देती है। इतनी भयावह स्थिति के बावजूद जिम्मेदारों को कोई परवाह नहीं है
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ गणेश कुमार ने बताया कि पुरानी मोर्चरी को ध्वस्तिकरण के आदेश दे दिए गए हैं। नई मर्चरी निर्धारित कर ली गई है। जल्दी ही उसमें ए सी एवं 7 से 8 बॉडी के लिए डीप फ्रीजर की व्यवस्था कर दी जाएगी।

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