जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों पर अवैध वसूली करने का आरोप
जिला चिकित्सालय के नवजात शिशु इकाई में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की जा रही है जमकर अवैध वसूली
पडरौना/कुशीनगर। जनपद के संयुक्त जिला चिकित्सालय के नवजात शिशु इकाई में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा तीमारदारों से नवजात शिशु के भर्ती करते समय व बाद में बेहतर दवा इलाज के नाम पर 500 रुपए से लेकर ढाई हजार रुपए तक नवजात शिशु को लेकर जाने वाले तीमारदारो से अवैध वसूली की जा रही है। हॉस्पिटल में पहुंचने वाले गरीब असहाय परिवार के लोग इनके शोषण के शिकार हो रहे हैं। और इसका विरोध करने पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। हॉस्पिटल में पहुंचने वाला हर बच्चों का अभिभावक यही चाहता है कि हमको अपना शरीर तक बेचना पड़े लेकिन मेरे लाडले की जान बच जाए इसके लिए वह हर कदम उठाने के लिए तैयार रहता है। लेकिन संबंधित जिम्मेदारों को अवैध वसूली की जानकारी होने के बाद भी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है जिससे अवैध वसूली पर अंकुश लगाया जा सके। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है कि छावनी निवासी एक व्यक्ति द्वारा सीएमओ कुशीनगर संयुक्त उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों पर अवैध वसूली करने तथा पैसा न देने पर उनके साथ मारपीट कर भगा देने का आरोप लगाते हुए संम्बधित लोगों के खिलाफ जांच करा कर कार्यवाही की मांग की है।
जानकारी के अनुसार जनपद के पडरौना नगर के छावनी मुहल्ला निवासी मो0 नईम अंसारी ने मुख्यमंत्री उ0प्र0, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण उ0प्र0, एडी हेल्थ गोरखपुर मंडल एवं सीएमओ कुशीनगर को शिकायती पत्र भेजकर पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि 12 जून को सुबह लगभ 8 बजे अपने रिश्तेदार के नवजता शिशु को सांस लेने की दिक्कत होने पर संयुक्त जिला चिकित्सालय के नवजात शिशु ईकाई मे एडमिट कराने हेतु शिशु को लेकर गये वहा पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी मनोज द्वारा एडमिट करने के नाम पर 2500 रूपयो की मांग करने लगा। रिश्वत न देने पर जगह खाली न होंने की बात कहते हुए भर्ती करने से इन्कार करने लगा। जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियो से करने की बात पर भर्ती तो कर लिया लेकिन दवा इलाज मे लापरवाही बरतते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा जिसका विरोध करने पर मनोज नाम स्वास्थ्य कर्मी मार-पीट करने पर अमादा हो गया तथा उसका सहयोगी स्वास्थ्य गर्मी धक्का देकर बाहर दिया। उक्त प्रकारण के सम्बन्ध तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिक्षक से मिलकर मौखिक अवगत कराया गया लेकिन उनके द्वारा दोषी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद डाक्टर के द्वारा नवजात शिशु को बीआरडी मेडिकल गोरखपुर के लिए रिफर कर दिया। जहा नवजात शिशु की मौत हो गई। उक्त प्रकरण में संम्बधित लोगों के खिलाफ जांच करा कर कार्यवाही की मांग की गई है।