डॉक्टर पीके श्रीवास्तव ने डॉक्टर डे पर किया जागरूक

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी १ जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है इस शुभ अवसर शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर पी.के. श्रीवास्तव बताया की मानसून के इस मौसम मे सभी को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि भारत में मानसून (जून से सितंबर) नमी और बारिश के साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। उच्च आर्द्रता और जलभराव के कारण मच्छरों और बैक्टीरिया का प्रजनन बढ़ता है, जिससे निम्नलिखित बीमारियां आम होती हैं।
मलेरिया -मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलता है। लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, पसीना, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह एनीमिया, सांस की तकलीफ, या सेरेब्रल मलेरिया का कारण बन सकता है। भारत में 60% मामले प्लासमोडियम वाइवेक्स से होते हैं।
डेंगू- एडीस मच्छरों से फैलता है, जो रुके हुए पानी में प्रजनन करते हैं। लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, और चकत्ते शामिल हैं। गंभीर डेंगू रक्तस्राव और अंग विफलता का कारण बन सकता है।
चिकनगुनिया -एडीस मच्छरों से होने वाली वायरल बीमारी। जोड़ों में दर्द, बुखार, और थकान इसके मुख्य लक्षण हैं। यह जानलेवा नहीं है, लेकिन जोड़ों का दर्द लंबे समय तक रह सकता है।
टाइफाइड -दूषित भोजन या पानी से फैलता है। लक्षणों में लगातार बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, और भूख न लगना शामिल हैं। रक्त जांच से इसका पता लगाया जाता है।हैजा- दूषित पानी या भोजन से फैलने वाली बैक्टीरियल बीमारी। पानी जैसे दस्त, उल्टी, और गंभीर डिहाइड्रेशन इसके लक्षण हैं। बिना इलाज के यह घातक हो सकता है।गैस्ट्रोएन्टेराइटिस-दूषित भोजन या पानी से होने वाली आंतों की बीमारी। दस्त, पेट दर्द, जी मिचलाना, और उल्टी इसके लक्षण हैं। यह डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकता है।लेप्टोस्पायरोसिस- बारिश के पानी में चूहों या जानवरों के मूत्र से फैलने वाला बैक्टीरियल संक्रमण। यह त्वचा के कट के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और बुखार, ठंड, और मांसपेशियों में दर्द का कारण बनता है।वायरल फ्लू और सर्दी-खांसी,नमी और तापमान परिवर्तन के कारण वायरल संक्रमण बढ़ते हैं। नाक बहना, गले में खराश, और बुखार इसके लक्षण हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, जैसे बच्चे और बुजुर्ग, अधिक संवेदनशील होते हैं।स्किन एलर्जी और नमी के कारण फंगल इंफेक्शन, एक्ने, और मुंहासे बढ़ते हैं।मच्छरों से बचाव मच्छरदानी, रिपेलेंट, और घर के आसपास पानी जमा न होने दें।स्वच्छ पानी और उबला हुआ पानी पिएं और ताजा भोजन खाएं।नियमित हाथ धोएं और साफ-सफाई बनाए रखें।बच्चों का टीकाकरण समय पर करवाएं। बुखार, दस्त, या अन्य लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।मानसून की बारिश गर्मी से राहत देती है, लेकिन सावधानी न बरतने पर ये बीमारियां गंभीर हो सकती हैं