पंचायत चुनाव के आवेदन में मजबूत तलाश के साथ तरास भी!

सुभासपा का अभी से ही पंचायत चुनाव पर "फोकस"

सुभासपा का अभी से ही पंचायत चुनाव पर “फोकस”

शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर जिलाध्यक्ष ने प्रत्याशी चयन का निकाला नया फार्मूला

पार्टी की कसौटी पर खरे उतरने वाले को मिलेगी तरजीह

सुलतानपुर(विनोद पाठक)। मजबूत इरादे के साथ सुभासपा अभी से ही पंचायत चुनाव पर “फोकस” करना शुरू कर दिया है। पार्टी कार्यालय पर जोरदार तरीके से महाराजा निषाद राज जी और महर्षि कश्यप ऋषि जी की मनाई गई जयंती में “लब्बोलुआब” यह देखने को मिला। जिसमे झलक पंचायत चुनाव की दिखी ही नही,बल्कि 26 आवेदन भी मिले। मजबूत और कमजोर की कड़ी आँकने का जो फार्मूला जिलाध्यक्ष विनीत सिंह ने निकाला है, वह काबिले तारीफ है, यानि कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे की नीति अपनाई गई है। ऐसे आवेदकों को “टारगेट” पार्टी का सक्रिय सदस्य बनाने का दिया गया है। लक्ष्य को साधने वाले आवेदक का ही चयन जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी के लिए किया जाएगा। अभी तक मिले आवेदनों में सभी जाति-धर्म के व्यक्ति शामिल हैं।
गौरतलब हो कि जिले में सुभासपा को मजबूत और साधन संपन्न जिला अध्यक्ष मिला है। जिले में पार्टी कैसे मजबूत हो,हमेशा गुणा गणित में लगे रहते हैं। इसमें भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का जिलाध्यक्ष विनीत सिंह पूरा ख्याल रखते हैं। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष/कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर और पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर के दिए गए टिप्स पर भी जिलाध्यक्ष अमल कर अमलीजामा पहना रहे हैं, ताकि जिले में पार्टी एक मुकाम हासिल कर इतिहास रच सके। इसी सोच के साथ पूरी टीम की अगुवाई कर जिलाध्यक्ष आगे बढ़ कर पार्टी को आगे बढाने और मजबूत करने में लगे हैं। इसकी झलक शनिवार को पार्टी कार्यालय पर शानदार तरीके से मनाई गई महाराजा निषाद राज जी और महर्षि कश्यप ऋषि की जयंती में दिखी। अभी पंचायत चुनाव की आहट भी नही हुई है, बावजूद इसके जिलाध्यक्ष का पूरा का पूरा फोकस पंचायत चुनाव पर है। जिले में कैसे ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत के सदस्य पार्टी के हों,होम वर्क शुरू कर दिया गया है। आइडिया सोशल इंजीनिरिंग की निकली गई है,अर्थात किस वार्ड में कौन सी गणित फिट होगी?इस पर भी मंथन चल रहा है। जयंती कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वार्डों से करीब 26 आवेदन जिला पंचायत सदस्य के भावी प्रत्याशियों के आए। जिसमें अगड़े,पिछड़े,दलित,अल्पसंख्यक,अनुसूचित जनजाति, बारा-बंजारा समाज के नेता/व्यक्ति शामिल हैं। मसलन अभी से ही पंचायत चुनाव की तैयारी सुभासपा ने कर दी है। आवेदक मजबूत है, या फिर कमजोर। इसकी परख का भी तरीका जिलाध्यक्ष ने निकाला है। विचार उसी आवेदक पर किया जाएगा ? जो पार्टी के बनाए गए फार्मूले पर खरा उतरेगा। यानी कि तुरंत आए, टिकट पाए और मुस्करा के चल दिए, ऐसा नही होगा,बल्कि जिस क्षेत्र का चयन किए हैं, उसी क्षेत्र से करीब पांच हजार पार्टी के सक्रिय सदस्य बनाने पड़ेंगे,तब टिकट मिलने की श्रेणी में शामिल किए जाएंगे,तब चेहरे पर मुस्कान आएगी। जिलाध्यक्ष ने पार्टी और प्रत्याशी के मजबूत चयन का यही “रास्ता” तलाशा है, जो पार्टी के लिए आने वाले समय मे “मील” का पत्थर साबित हो सकता है। इस मे पूरा सहयोग पार्टी के उपाध्यक्ष अखिलेश शर्मा भी कर रहे हैं।