बीजेपी के लोकसभा सांसद सुब्रत पाठक का बयान-मैं तो चाहता हूं गाड़ी पलट जाए

नई दिल्ली।यूपी अतीक अहमद पहुंच चुका है। बीजेपी सांसद  सुब्रत पाठक ने कहा गाड़ी पलटना होगा तो पलट ही जायेगी।मैं तो चाहता हूं गाड़ी पलट जाए सत्ता के सरक्षण से अतीक अहमद आगे बढ़ा है।अतीक अहमद को कठोर सज़ा मिलनी चाहिए।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चल रहा यूपी पुलिस का काफिला

अतीक अहमद दस्ते में मौजूद

कल अतीक ने कहा था कोर्ट के कंधे पर बंदूक रख कर यूपी सरकार व यूपी पुलिस कार्य कर रही है।लेकिन यूपी में प्रवेश करते ही अतीक के तेवर बदल गए और बोला मुझे किसी से डर नही है।

आपको बता दे कि अतीक अहमद को यूपी लाने के लिए साबरमती जेल से यूपी एसटीएफ रवाना हो कर खबर लिखे जाने तक बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पहुँच गई है।  सड़क के रास्‍ते अतीक अहमद को प्रयागराज जेल लाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड एक्सप्रेस पर काफिला चल रहा है। इस बीच 6 गाड़ि‍यों का काफ‍िला चल रहा है। उमेश पाल अपहरण कांड में गवाही बदलने के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसी मामले में 28 मार्च को फैसला आना है। अतीक अहमद को लाने के ल‍िए यूपी पुल‍िस अहमदाबाद की साबरमती जेल पहुंची है। माफिया अतीक अहमद को सड़क मार्ग से प्रयागराज आने में करीब 4 घण्टे और लगने की संभावना है। 4 से 5 बजे के बीच अतीक अहमद प्रयागराज के नैनी जेल में पहुँच जाएगा।

हाई-सिक्योरिटी बैरक में रहेगा माफिया

माफिया से नेता बने अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। प्रयागराज जेल में अतीक को हाई-सिक्योरिटी बैरक में आइसोलेशन में रखा जाएगा। उस पर निगरानी के लिए सेल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जेल कर्मचारियों को उनके रिकॉर्ड के आधार पर चुना और तैनात किया जाएगा, उनके पास बॉडी वियर कैमरे भी होंगे, जो अतीक की हर एक हरकत को रिकॉर्ड करेंगे।प्रयागराज जेल मुख्यालय वीडियो वॉल के जरिए 24 घंटे माफिया पर निगरानी करेगा। अतीक को साबरमती जेल से शिफ्ट करने पर मीडिया से डीजी आनंद कुमार ने कहा- प्रयागराज जेल में सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डीआईजी जेल मुख्यालय भेजा जा रहा है।बता दें क‍ि 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड में अदालत का निर्णय आना है। बताया जा रहा है कि उसी मामले में अतीक का प्रोडक्शन वारंट अदालत से जारी हुआ है और पुलिस उसे लेने अहमदाबाद पहुंची है।

 

2006 में हुआ था उमेश पाल का अपहरण

राजू पाल हत्याकांड के अगले साल 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर अतीक अहमद के कर्बला स्थित कार्यालय ले जाया गया था। आरोप है कि अतीक और अशरफ ने राजू पाल हत्याकांड में गवाही बदलने के लिए उमेश पाल को धमकाया और दूसरे दिन एक मार्च 2006 को अदालत में ले जाकर अपने पक्ष में गवाही दर्ज करा ली थी।उस वक्त यूपी में सपा सरकार थी। तब उमेश पाल की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा। अगले साल मई 2007 में प्रदेश में बसपा सरकार बनने पर उमेश पाल की शिकायत पर अतीक और अशरफ के खिलाफ अपहरण कर गवाही बदलने के लिए धमकाने का केस लिखा गया। उसी मामले में अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब 28 मार्च को अदालत में निर्णय आना है।