लखनऊ(निर्वाण टाइम्स)।योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक सप्ताह के भीतर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने सोनभद्र जिलाधिकारी (डीएम) टीके शिबू को खनन मामले में अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया है। आईएएस अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व की भांति ही भष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति इस कार्यकाल में भी सक्ती से लागू रहेगी। डीएम के ऊपर विभागीय जांच बैठा दी गई है। वाराणसी के कमिश्नर को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है।उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के विरुद्ध जिले में खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थी। विधानसभा चुनाव के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में भी उन्होंने लापरवाही बरती थी। पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किया गया जिसके कारण पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।इस वजह से सार्वजनिक स्थल पर उसकी तस्वीरें वायरल हो गई थीं। इस मामले को विंध्याचल मंडल मीरजापुर क्षरा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर दोबारा सील किया गया था। जनसामान्य तथा जनप्रतिनिधियों से भी इनकी दूरी की शिकायत मिल रही थी।
सरकार ने कहा है कि डीएम टीके शिबू के खिलाफ आरोपों की जांच विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने की थी। जांच में आइएएस टीके शिबू को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है। विभागीय कार्यवाही में जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। टीके शिबू को राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है। इस दौरान वह बिना किसी लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं।