बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर गोरखपुर ही नही दूसरे जनपदों में भी करते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस

पैसों की भूख आगे मरीजों की जान व ईमान खत्म कर चुके -पन्ने लाल यादव

गोरखपुर।मानवाधिकार जांच संस्थापक महासचिव पन्ने लाल यादव ने शिकायत पत्र में लिखा गया है कि सीनियर डॉक्टर के प्राइवेट प्रैक्टिस वजह से जूनियर डॉक्टरों के सहारे मरीजों का इलाज़ चल रहा है।जिससे कि जूनियर डॉक्टरों को पूर्ण जानकारी नही होने के कारण आये दिन 15 से 20 मरीजों की मृत्यु हो रही है जिसके जिम्मेदार पूर्ण रूप से सी एम ओ गोरखपुर प्राचार्य गोरखपुर गणेश कुमार है।इन दोनों उच्च अधिकारियो के संरक्षण में अभी तक के जांच में पाए गए 12 डॉक्टर हैं जी निजी व प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं 1-डॉ सुधीर गुप्ता ( स्त्री रोग विशेषज्ञ) 2 -डॉ आशुतोष रॉय (न्युरो सर्जन ) 3 – डॉ अशोक कुमार यादव ( हड्डी रोग विशेषज्ञ) 4-डॉ रंजीत कुमार (एम डी)5- डॉ नीलम रॉय ( स्त्री रोग विशेषज्ञ) 6-डॉ रीता सिंह (स्त्री रोग विशेषज्ञ 7- डॉ पी एन सिंह (नाक कान गला रोग विशेषज्ञ ) 8 डॉ अवनीश मिश्रा (टी वी एलर्जी) 9-डॉ अशोक यादव (सर्जन )10 – डॉ आर इन यादव 11- डॉ महिम मित्तल (मेडीसिन विभागाध्यक्ष )12 डॉ नीरज चौधरी (हर्ट रोग विशेषज्ञ)।

उक्त सभी सीनियर डॉक्टर के विरुद्ध मानवाधिकार संगठन ने इन सभी डॉक्टरों का सबसे पहले स्थानान्तरण उ0 प्र0 के पश्चिम उ0प्र0 के किसी मेडिकल कॉलेज के स्थानांतरण करते हुए विधिनुसार जाँच कर विभागीय कार्यवाही के साथ ही साथ आय से अधिक सम्पति की भी जाँच की मांग भारत सरकार एवं सरकार से की गई । मानवाधिकार संगठन की जांच संस्थापक महासचिव पन्ने लाल यादव द्वारा बताया गया कि अभी जांच जारी है।