▪️पहले के समय में इस इलाके में जंगल दस्युओं का था आतंक, बांध पर काम कराने आए अभियंताओं की होती थी हत्या: मुख्यमंत्री
खड्डा/कुशीनगर। छह सौ करोड़ से कराये गये बाढ़ बचाव के उपाय की देन है कि तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। प्रदेश में पिछले सात वर्षों में बड़े पैमाने पर बाढ़ बचाव के कार्यों के होने कारण जनधन की हानि को रोकने में सफलता मिली है। नारायणी गंडक नदी अन्य सहायक नदियों पर भी बाढ़ बचाव के उपाय 7 वर्ष के अंदर बड़े पैमाने पर छह सौ करोड़ का खर्च कर बाढ़ बचाव के प्रभावी उपाय किए गये। हजारों हेक्टेयर भूमि ओर तीन लाख लोगों को बाढ़ से बचाने में मदद मिली। नदी पार बसे गांवों के बेहतर कनेक्टिविटी के लिए दशकों से हो रही मांग को पूरा करते हुए नारायणी नदी पर पक्का पुल बनाने की सौगात दी है। यह बातें सीएम रविवार को खड्डा विधान सभा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत सामग्री वितरण कार्यक्रम के दौरान तुर्कहां गांव के जनसभा में कही। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी इस तरह के काम हुए है। भैंसहां में नदी का करंट बहुत तेज है। तब भी बाढ़ बचाव में काफी राहत मिली। सात वर्ष पहले नारायणी नदी में बाढ़ की विभिषिका आने पर त्राहि-त्राहि मचती थी। सिंचाई विभाग के अभियंता की हत्या होती थी और माफिया हावी थे। जंगल पार्टी के कारण इस क्षेत्र का माहौल काफी भयावह होता था। सूर्य अस्त के बाद लोग आना जाना बंद कर देते थे। आज आतंक, अराजकता, गुंडागर्दी समाप्त हो गया है। बाढ़ बचाव के किए गये कार्यों की देन है कि नेपाल में भारी बारिश के बाद गंडक बैराज से अचानक साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद भी भैंसहा छितौनी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। योगी ने कहा कि २ कुशीनगर महात्मा गौतम बुद्ध की धरती है। दुनिया शांति, मैत्री व करूणा का संदेश देने वाली धरती के रूप में देखती है। दुनिया भर के लोग कुशीनगर की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। कुशीनगर को दुनिया का आकर्षण का केन्द्र बनाने के लिए ही सरकार के स्तर पर तमाम विकास के कार्य प्रारंभ हुए हैं जो आज मूर्त रूप में दिखाई दे रहे हैं। कुशीनगर में सबसे ज्यादा बच्चे नवकी बीमारी, इंसेफेलाइटिस व मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित होते थे, लेकिन अब इन बीमारियों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया। कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज, कृषि विश्वविद्यालय व अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विकास के मानक को पूरा कर रहा है। सड़क भी चकाचक बन गई है। छह सौ करोड़ रूपए खर्च कर हुए बाढ़ बचाव के कार्यों से भैंसहां तटबंध के स्पर से 83 गांव की 1.16 लाख की आबादी और लगभग 20000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी सुरक्षित हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार रेता क्षेत्र के लोगों को बाढ़ के संकट से निजात दिलाने और बेहतर कनेक्टिविटी की चिंता है इसलिए नदी पार रेता क्षेत्र के दर्जनों गांवों के 15-20 हजार लोगों को सुविधा के लिए नारायणी नदी पर पक्का पुल बनाने की मांग सांसद व विधायक ने की है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और यहां मौजूद कमिश्नर से भी कहूंगा कि पीएम शक्ति के माध्यम से पक्का पुल का सर्वे के कार्य अभी से शुरू कर दें। पुल निर्माण की तैयारी अभी से प्रारंभ करनी चाहिए क्योंकि जब पानी कम हो तो निर्माण कार्य शुरू हो जाय। गण्डक नदी पर उपयुक्त जगह की तलाश कर कमिश्नर और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को शासन को भेजने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि मदनपुर से लेकर माघी तक छितौनी तटबंध का पीच कराने का भी प्राथमिकता के आधार पर काम कराया जाये। यह भी कहा कि सरकार जनता के सुख- दुख में सदैव साथ खड़ी है। डबल इंजन की सरकार में विकास का पहिया रूकने वाला नहीं है। सीएम ने बाढ़ पीड़ितों के प्रति पूरी हमदर्दी दिखाई। यह भी कहा कि सरकार मुसहरों को आवास, पट्टा, राशनकार्ड, पेंशन देकर उनके जीवन स्तर को सुधारने का काम किया है। जनसभा के पूर्व सीएम ने भैंसहां गांव के समीप छितौनी तटबंध का निरीक्षण किया और उसके बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि बार बार भाजपा की सरकार आवश्यक है क्योंकि सरकार सभी वर्गों की चिंता करती है। उन्होंने भीड़ से माता पिता की सेवा करने और पाल्यों के बेहतर शिक्षा पर जोर देने और महिला उत्पीडन न करने की भावानात्मक अपील की। सभा को सांसद विजय कुमार दूबे, विधायक गण क्रमशः विवेकानंद पाण्डेय खड्डा, मनीष जायसवाल पडरौना, विनय प्रकाश गोंड रामकोला, मोहन वर्मा हाटा, राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त राजेश्वर सिंह आदि भाजपा वरिष्ठ नेता ने भी संबोधित किया।