गांव में रहकर भी पूरे होते है सपने, अपर पीसीएस परीक्षा में चयनित होकर साबित कर दिखाया

बलिया। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती | इन पक्तियो को यथार्थ कर दिखाया है | बलिया के छोटे से गांव के एक नौजवान छोटेलाल तिवारी ने जिसने अपनी मेहनत के बल पर न सिर्फ खुद सफलता हासिल की बल्कि गांव, परिवार के बच्चो को भी शिक्षा देने के साथ साथ मेहनत कर आगे बढ़ने का जज्बा सिखाने में कड़ी मेहनत की | इसी मेहनत व् जज्बे के दम पर अपर पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल कर गांव व् परिवार का नाम रोशन कर दिया | बलिया से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर बलिया बिहार मार्ग पर एक गांव पड़ता है सीताकुंड इसी सीताकुंड गांव के चन्द्रमा तिवारी व् स्व रामजानी तिवारी के घर में उस समय खुशी की लहर दौड गयी जब पता चला की उनका सबसे छोटा लड़का छोटेलाल तिवारी अफसर बन गया है |श्री तिवारी ने जब ये बात परिवार व् आसपास के लोगो को बताई तो फिर क्या था ये बात पूरे गांव से होकर क्षेत्र में फ़ैल गयी |और बधाई देने वालो का ताता श्री तिवारी जी के घर पर लगने लगा | आपको बता दे की श्री छोटेलला तिवारी का चयन अपर पीसीएस परीक्षा में नगर पालिका परिषद में (EO) के पद पर हो गया है |श्री छोटेलाल तिवारी ने सीडीएस की तैयारी की लिखित परीक्षा में चयन के उपरान्त मेडिकल में अनफिट हो गए उसके बाद चार बार अपर पीसीएस, एक बार आईएएस में असफलता के बाद भी इन्होने मन छोटा नहीं किया न ही अपनी इच्छा शक्ति में कमी आने दी । बेलहरी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रूद्रपुर पर बतौर सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है बतौर अध्यापक रहते हुए श्री छोटेलाल ने अपर पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण की है |

छोटेलाल तिवारी जिन्होंने अपर पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण की है उनसे बातचीत के कुछ अंश…

प्रशन – छोटेलाल तिवारी जी आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे |

उत्तर – सबसे पहले में अपने माता पिता व् परिवार को धन्यबाद करना चाहूँगा | आज अगर में इस मुकाम को हासिल कर पाया हू तो ये उन्ही के आशीर्वाद व् प्यार की वजह से साथ ही साथ में सभी साथियो व् सहयोगियों को भी धन्यबाद देता हू जिन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया |

प्रशन – आपने इस इस परीक्षा की तैयारी किस प्रकार की
उत्तर – मैंने परीक्षा की तैयारी बिना किसी कोचिंग के स्व-अध्यन से घर पर रहकर ही की व् एक अनुशासित समय के अनुसार की और हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना से अध्यन किया |

प्रशन – आपको इस परीक्षा के दौरान कभी किसी परेशानी व् कठिनाई का समाना करना पड़ा हो तो किस तरीके से किया

उत्तर – परेशानी व् कठिनाई व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है इसे कमजोरी न मानकर बल्कि इसका डटकर सामना करने वालो को ही सफलता मिलती है मैंने भी इसी दृणता के साथ सफलता प्राप्त की

प्रशन – आप प्राइमरी अध्यापक भी है ऐसे में कैसे आप स्कूल के साथ साथ अपनी तैयारी के लिए समय निकालते थे

उत्तर – मैंने एक सफल शिक्षक पद का कर्तव्य निर्वहन करने के साथ साथ अपने लक्ष्य को भी टारगेट किया इसके लिए मैंने रात में नींद का समय कम कर रात में पढाई को प्राथिमकता दी इसका परिणाम मेरी सफलता है |