शैलेन्द्र सिंह की “शोहरत” से विपक्ष हो रहा धड़ाम
सुल्तानपुर(विनोद पाठक)। विधान परिषद सदस्य के हो रहे चुनाव में भाजपा की “चाल” से विपक्ष हताश और निराश है, यह लाज़मी भी। भाजपा की तरह तरह की चल रही “चाल” को विपक्ष भांप नही पा रहा है। भाजपा ने विपक्ष की इस तरह “चौहद्दी” घेर रखी है कि उस को तोड़ पाना विपक्ष के लिए एकदम असम्भव। इसी में विपक्ष को भाजपा ने “उलझा” के रखा है, विपक्ष करे तो क्या करे। विपक्ष के परेशानी की एक और बड़ी वजह है।भाजपा प्रत्याशी की 32 साल की राजनैतिक “शोहरत”। अन्य प्रत्याशियों की तुलना में भाजपा प्रत्याशी एवं निवर्तमान एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह प्रचार -प्रसार में मजबूती के साथ सबसे आगे है। 27 ब्लाक में मजबूती के साथ भाजपा उम्मीदवार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुके हैं। विपक्ष इसमें बहुत पीछे है। दाद में खाज का काम वायरल वीडियो ने कर डाला है। विपक्ष के द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल कराए गए वीडियो में निराशा की साफ झलक की छाप दिखाई दे रही है। इससे विपक्ष के चुनावी रथ हांकने वाले “सारथी” भी मायूस हो गए हैं। अर्थात विपक्ष के प्रत्याशी द्वारा अपनो के साथ विश्वास का आइना तोड़ा नहीं गया है तो “दरकाया” जरूर गया है और उस “दरकाये” गए आईने को जोड़ने में विपक्ष का प्रत्याशी नाकाम साबित हो रहा है। यही वजह है कि रथ हांकने वाले “सारथी” भी पशोपेश में हैं कि करे तो? फिलहाल विपक्ष के नेता भी अपनी बचत का “रास्ता” ढूंढ निकाले है कि हाई कमान के सामने कोई झिझक न रहे। सारे वाक्ये से शीर्ष नेतृत्व को अवगत भी समय-समय पर करा रहे हैं।
गौरतलब हो कि सुल्तानपुर अमेठी विधान परिषद सदस्य के लिए हो रहे चुनाव में निर्दल समेत चार प्रत्याशी मैदान में है। जिसमें भाजपा और सपा आमने सामने है। भाजपा के उम्मीदवार सुल्तानपुर जनपद के कद्दावर नेता 32 साल का राजनैतिक अनुभव रखने वाले निवर्तमान प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह है, तो अमेठी जनपद से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की बहू शिल्पा प्रजापति मैदान में है। शिल्पा प्रजापति की सासू अमेठी से विधायक है। शुरुआती दौर में माना जा रहा था कि भाजपा और सपा प्रत्याशी आमने सामने होंगे। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, सब चीजें एकदम स्पष्ट होती जा रही हैं। अब भाजपा बहुत आगे निकल चुकी है। जिसे पकड़ पाना विपक्षी को नामुमकिन है। भाजपा की चाल इतनी रफ्तार पकड़ ली है कि विपक्षी खेमा प्रचार प्रसार में बहुत पीछे चल रहा है। भाजपा प्रत्याशी का चुनावी “रथ” कितने “सारथी” हांक रहे हैं, इसका सहज अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल काम है। वही सपा प्रत्याशी के सारथी बने नेता और प्रत्याशी कहां पर हैं? पंचायत प्रतिनिधियों को भनक तक भी नहीं लग पा रही है। विपक्षी के खेमे के पंचायत जनप्रतिनिधि अभी अपने सपा प्रत्याशी का “दीदार” भी अभी तक नहीं कर पाए हैं, वही भाजपा प्रत्याशी के पास 27 ब्लाकों के अधिकांश पंचायत जनप्रतिनिधि खुद पहुंचकर जीत का “ढाढस” बंधवा रहे हैं। जिसमें हर जाति वर्ग के पंचायत जनप्रतिनिधि शामिल है। पंचायत जनप्रतिनिधि खुद भाजपा प्रत्याशी की मीटिंग करवा रहे हैं और जीत का पूरा भरोसा भी दे रहे हैं। वही विपक्ष के कद्दावर नेता प्रत्याशी के “ननद” के वायरल वीडियो को हताशा और निराशा का परिचायक बता रहे हैं। दबी जुबान से बयां भी कर रहे है कि इस चुनाव में भाजपा काफी आगे निकल चुकी है। जिसे अब पकड़ पाना नामुमकिन है। क्योंकि पार्टी प्रत्याशी की ओर से केवल “झांसा” ही पूरे चुनाव में दिया गया और अभी भी वही कार्यशैली अपनाए हैं। इससे तो यही लगता है कि भाजपा की “चाल” की काट विपक्ष नही खोज पाया।अब विपक्षी खेमे के अधिकांश नेता भी मायूश हो गए है।बकायदे बोल भी रहे हैं कि भाजपा का “पल्ला” दिन प्रतिदिन भरी पड़ता जा रहा है। जिसे अब रोक पाना आसान नहीं है।फिलहाल चुनाव है, चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा? मतगणना से ही स्पष्ट होगा। हालांकि इस समय एक “शेर” विपक्ष में खूब धूम मचा कर रखा है कि “कहते हैं करते नहीं, झूठे बड़े लबार,अंत फजीहत होंगे नेता के दरबार”, खूब छाया है।