
11 साल बाद आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामले में आया फैसला
कोर्ट में अभियोजन की दलीलें हुई फेल
सुल्तानपुर(ब्यूरो)।सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को आज सुल्तानपुर जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी कर दिया है। करीब 11 वर्ष बाद मामले में फैसला आया है। जहां अभियोजन की दलीलें कोर्ट में फेल हो गई। लगातार तीन पेशी से लखनऊ जेल से गायत्री के कोर्ट नहीं पहुंचने पर फैसले में देर हुई। गायत्री प्रसाद के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडे ने बताया कि 28 जनवरी में विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रसाद प्रजापति अपना नामांकन करने जा रहे थे। प्रशासन का आरोप था कि जिस रास्ते से इनका नामांकन जुलूस जा रहा था उसका परमिशन नहीं लिया गया था। इस वजह से अमेठी कोतवाली में गायत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष द्वारा अपने अपने तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। लेकिन एमपी एमएलए कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए साक्ष्य को पर्याप्त नहीं माना और आज उस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बरी कर दिया है।बता दें कि विशेष मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट योगेश यादव ने गुरुवार को मामले में फैसले की तारीख तय की थी। गायत्री प्रसाद प्रजापति को जिला कारागार लखनऊ से तलब किया गया था। गायत्री प्रसाद प्रजापति के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने अर्जी देकर जेल प्रशासन पर दण्डात्मक कार्यवाही की मांग किया था। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया तो जेल प्रशासन लखनऊ हरकत में आ गया है। और आज पूर्व मंत्री को लेकर कोर्ट में हाजिर हुआ।