Impact of Online Education on Mental and Physical Health”में एक दिवसीय वेबीनार का हुआ आयोजन

रामपुर ।राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में IQAC के तत्वाधान में “Impact of Online Education on Mental and Physical Health”विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अतुल शर्मा ने मुख्य अतिथि डॉ वंदना शर्मा उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज,विशिष्ट अतिथि डॉ राजीव पांडे संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा निदेशक और डॉक्टर अमित भारद्वाज संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा लखनऊ ने वेबीनार के लिए सफल संचालन की शुभकामनाएं दी।डॉ पीके वाष्णेय प्रचार्य रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुर अतिथि उपस्थित रहे।वेबिनार के सफल संचालन की शुभकामनाएं दी।प्रचार्य डॉ अतुल शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड-19 वैश्विक महामारी में समय की मांग है कि”Impact of Online Education on Mental and Physical Health”पर चर्चा होनी चाहिए। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ राम लखन सिंह कुलपति नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय मेदनीपुर पलामू झारखंड ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण परिस्थितियां अवश्य बदली है लेकिन हमें संतुलन बनाकर कार्य करना चाहिए तो ऑनलाइन शिक्षा के परिणाम भी अच्छे ही होंगे।सेमिनार में डॉ संध्या रानी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी झांसी ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से ही उत्तम ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता बनाकर बेहतर सेवाएं प्रदान करके अधिक से अधिक छात्र/छात्राओं को लाभ पहुंचा सकते हैं।डॉ उमापति सिंह मनोविज्ञान विभाग विश्वविद्यालय बोधगया बिहार ने कहा कि करुणा काल में हमने नई ऊर्जा प्रदान की है हम टेक्नोलॉजी के प्रयोग में बहुत शिथिल थे,परंतु अब काफी सक्रियता के साथ खुद भी सीख रहे हैं तथा छात्र-छात्राओं को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। डॉक्टर जगदीश सिंह दीक्षित सेवानिवृत्त एसो0 प्रो टी डी महाविद्यालय जौनपुर ने ऑनलाइन शिक्षा के मानसिक स्वास्थ्य के प्रभाव का प्रकाश डाला।डॉ ओम प्रकाश चौधरी श्री अग्रसेन महिला महाविद्यालय वाराणसी ने कहा कि ऑन लाईन शिक्षा से यधपि अवसाद बड़ा है लेकिन हमें अत्यंत सावधानी करके इससे होने वाले दुष्प्रभाव से बचते हुए शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना है।डॉ दीनानाथ सिंह सेवानिवृत्त राजनीतिक विज्ञान के प्रभारी डीएवी कॉलेज वाराणसी ने कहा कि आज के युग में ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता है लेकिन इसे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से बचना दुशवार है, इसलिए ऐसी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए जिससे ऑनलाइन स्वास्थ् पर नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके।डॉ नीलू वर्मा असी0 प्रो0 मुम्बई ने कहा कि शोध यह दर्शाते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा का मानसिक एंव शारिरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन कोविड-19 ने मानव जाति को एक बड़ा अवसर प्रदान किया कि भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा को अपनाकर आगे बढ़े। प्रोफेसर डॉ शाह आलम मनो विज्ञान अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षा के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक और नकारात्मक पक्षो पर विस्तार से प्रकाश डाला और इससे बचने के उपाय को भी बताया।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सबीहा परवीन और आयोजन सचिव डॉ रजिया परवीन ने किया।कार्यक्रम का धन्यवाद सह संयोजक डॉ सुनीता ने किया।इस वेबीनार समिति के सदस्य जिनमें डॉक्टर अंकिता,डॉक्टर रजनी रानी अग्रवाल,डॉक्टर इफ्तेखार अहमद कादरी,डॉक्टर देवेंद्र सिं,डॉ शत्रुजीत सिंह,डॉ प्रीति लता सिंह,डॉक्टर मनोरमा चौहान,डॉक्टर निशात बानो आदि समस्त प्रध्यापक उपस्थित रहे।