लखनऊ।शुक्रवार शाम इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में एक मंच पर बैठे सदर विधायक को भारतीय किसान यूनियन के एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद उनके सुरक्षा कर्मी थप्पड़ मारने वाले वृद्ध को पकड़ कर मंच के नीचे ले गये हैं। बताते हैं घटना के बाद काफी सनसनी फैल गई। हालांकि बाद में हमलावर दिख रहे भाकियू कार्यकर्ता को विधायक ने मंच पर अपने बगल में भी जगह दी।वहीं, भाकियू कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने विधायक को कोई पहली बार नहीं मारा है कई बार प्यार से मार चुके हैं। हुआ यह कि सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक क्षेत्र के गांव जंगेनगर चौराहा पर प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में अमर शहीद गुलाब ङ्क्षसह लोधी की आदमकद प्रतिमा की स्थापना बुधवार को सदर विधायक पंकज गुप्ता ने कराई थी। इसी प्रतिमा का अनावरण समारोह आयोजित हुआ। सांसद साक्षी महाराज ने प्रतिमा का अनावरण किया। इसी समारोह का एक वीडियो शुक्रवार देर शाम इंटरनेट मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुआ। इस वीडियो में दिखाया गया कि एक बुजुर्ग जो हाथ में लाठी और सिर पर भारतीय किसान यूनियन की हरी व सफेद टोपी पहने हुए पहुंचा। विधायक पहले पीछे की तरफ देख रहे थे। बुजुर्ग के सामने आते ही उन्होंने उसके चरण स्पर्श किये। तभी वृद्ध ने उनके थप्पड़ मार दिया। यह देख वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने बुजुर्ग को पकड़ लिया और मंच से नीचे ले गये। इस बीच विधायक ने अरे, अरे भाई, अरे क्या हुआ, अरे वो क्या हुआ… बोलते हुए वृद्ध को वापस बुलाने का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षा कर्मी उसे लेकर चले गए। इस बीच मंच पर सांसद साक्षी महाराज व अन्य लोग मौजूद रहे। थप्पड़ मारने वाले वृद्ध का नाम छत्रपाल यादव है। जो भाकियू कार्यकर्ता हैं। बताते हैं कि इसके बाद वृद्ध को विधायक ने वापस मंच पर बुलाया और अपने बगल में स्थान देते हुए सम्मान दिया। इधर घटना के बाद इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।
इनका ये है कहना :
– छत्रपाल चाचा हमारे परिवार के हैं। उन्होंने दुलार स्वरूप सिर पर टीप मारी थी, जिसे देखकर लोगों में भ्रम हो गया। बाद में उन्हें मंच पर बैठाया और उन्होंने पुन: सिर पर हाथ फेरते हुए दुलार दिया। ऐसी कोई घटना नहीं है। बल्कि वीडियो किसी की साजिश के तहत छेड़छाड़ के साथ वायरल किया गया है। -पंकज गुप्ता, विधायक सदर उन्नाव
मैंने पचास दफा मारा है: विधायक पर हाथ उठाने वाले परमनी निवासी छत्रपाल यादव ने कहा कि थप्पड़ नहीं मारा। इस तरह तो इन्हें मैंने पचास दफा मारा है। हमार इनते कौन दुश्मनी हैं जो इनका मारब। ई मूड़ी लचाए बैठ रहें तो हम कहा कि कहे बउवा काहे मूड़ी लचाए बैइठ हो कहकर मूड़ी पर हाथ मारा था। बस और कुछ नहीं कहा रहे।