Rampur

M.A.J.U में “आत्मनिर्भर भारत-वास्तविकता या मिथक” शीर्षक पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का सफलतापूर्वक हुआ समापन

रामपुर।मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में “आत्मनिर्भर भारत-वास्तविकता या मिथक” शीर्षक पर राष्ट्रीय सेमिनार का दूसरा तथा अंतिम दिन था।

इस कार्यक्रम को आरंभ करते हुए आज के दिन के प्रथम अतिथि वक्ता डॉ रेखा जगन्नाथ ने बताया कि आज भी भारत में अधिकांश अनुसंधान का संचालन सरकार द्वारा संचालित समितियों द्वारा किया जाता है।तथा निजी क्षेत्र के अनुसंधान और विकास के छोटे लेकिन बढ़ते अनुपात का अधिकांश हिस्सा सूचना प्रद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी फार्मों में विदेशी नियमो द्वारा है।इस दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार के दूसरे अतिथि वक्ता डॉ. जयेश एन देसाई ने अपनी राय रखते हुए बताया कि अनुसंधान और उच्च तकनीक विनिर्माण की दिशा में अधिकांश निजी क्षेत्र के विनिवेश को देखते हुए सरकार द्वारा संचालित निगमों और अनुसंधान में महत्व पूर्ण सरकारी पुनर्निवेश आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है।
इस दिन के कार्यक्रम के अंतिम अतिथि वक्ता प्रो. परमेश्वर राव ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि विदेशी निगमों के प्रवेश के साथ अधिकांश भारतीय निजी कंपनियां प्रोद्योगिकी आयात या सहयोग में पीछे हट गई हैं।तत्पश्चात इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन वक्तव्य देते हुए कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ.अनुराग अग्रवाल ने सभी लोगों का स्वागत संबोधन करते हुए आभार वयक्त किया तथा कहा कि आज आत्मनिर्भर अभियान ने ही भारत की भविष्य नीति बनाने को प्रभावित किया है।
इस अवसर पर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुल्तान मुहम्मद खान भी उपस्थित रहे और उन्होंने सभी गण मान्य व्यक्तियों,प्रतिभागियों और स्टाफ सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए आने वाले समय में इसी प्रकार की गतिविधियों का संचालन करने का आश्वासन दिया।
इस कार्य क्रम के विशिष्ट अतिथि भारतीय आर्थिक संस्थान डॉ. मुकेश शर्मा ने लोगो का आभार व्यक्त किया तथा शुभकामनाएं देते हुए “आत्निर्भर भारत-मिथक या वास्तविकता” शीर्षक पर अपना दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि वन डिस्ट्रिक – वन प्रोडक्ट कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे स्वेदेशी और विशिष्ट उत्पादों और शिल्पो को प्रोत्साहित करना है जो अन्यंत्र कहीं पाये जाते हैं।
इस कार्यक्रम के दूसरे विशिष्ट अतिथि बुनई विश्वविद्यालय, ओमान के डा. शाद अहमद खान ने अपने वक्तव्य में कहा कि लाखों प्रवासी श्रमिक जो अपने अपने कार्यस्थल को छोड़ कर अपने अपने घरों की ओर चले गए तथा अब वह अपनी योग्यता के अनुसार अपने-अपने निवास स्थानों के समीप ही कुछ न कुछ कार्य करेंगे जिससे उनका तथा उनके परिवार का जीविकोपार्जन चलता रहे तथा इससे लघु और सूक्ष्म उधोग को अधिक से अधिक स्थानों पर बढ़ावा मिलेगा।इसी कर्म में इस कार्यक्रम के समापन समारोह में समापन भाषण देते हुए इंतेखाब नदीम खान ने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया तथा शुभकामनायें दीं।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. पुलकित अग्रवाल,डॉ. शुमायला नईम,राबिया खान,माहिरा अख़लाक़,ज़ीशान खान,सय्यद मोहम्मद साईम,मोहम्मद अली खान,ऐमन खान,कमलेश कुमार,मोहम्मद सलमान,ज़मीर अहमद रिज़वी,यासीन अख्तर खान आदि का सहयोग रहा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!