शासन प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते सड़को पर दिखते मनचले

पुलिस प्रशासन और राजनेता होते इनकी जेब में

गोरखपुर(विनय तिवारी)।महानगर जी हां आपको बताते चले की आए दिन शहर में दुर्घटना होना सुनना आम बात हो गई है। कारण शासन प्रशासन का कुछ जगहों पर लचीलापन रवैया कहा जाए या फिर शोर सिफारिश का दबाव प्रशासन पर पड़ना। कोई अधिकारी का बेटा तो कोई किसी राजनेता का, कोई उच्च अधिकारी अथवा बिजनेसमैन का लाल तो कही गार्जियन का बेटो के प्रति लचीला रवैया ,तो कही शाहबजादो को खुद सड़को पर बाइक चलाते देख माता- पिता का गदगद होता सीना।
पर यही रवैया आज आम जन मानस के लिए कितना घातक होता दिख रहा यह कहने की बात नही।

घटना बरगदवा चौराहा/उत्तरी हमायूपुर/गंगेश चौराहा/कालीमंदिर गोलघर……

ट्रैफिक सिंगल लाल होते ही उत्तर/दक्षिण की गाड़ियां जब खड़ी हो जाती व दोनो तरफ से गाड़ियों का आवागमन शुरू हो जाता नियमानुसार ,पर वही ट्रैफिक रूल को कुछ मनचले लडको द्वारा बाइक से एक वृद्ध और बीच बचाव करने वाले मीडिया कर्मी सहित आस पास के लोगो से झड़प होते देखना आज सिटी में आम बात होती दिख रही।यह किसी एक चौराहे की बात कही जाए तो सही नही आय दिन ऐसी घटनाए चौराहों ,गलियों ,सड़को पर इस तरह की घटनाएं देखना बीच बचाव करना रफ्तार से बात करने वाले ऐसे मनचलो द्वारा देखना सुनना आम बात हो गई।कही बात बढ़ गई तो देख लेने तक की बात आ जाती और ऐसे रंगबाज मनचलो के पास पुलिस ,राजनेता सभी लोग जेभ में होते। हाथ में मोबाइल ऐसे निकलता जैसे वर्तमान में डीएम एसपी वह खुद और आम जनता उनके लिए घास ,मूली सड़क पर चलने वाले कीट मकौडे।यह कहना गलत नही होगा की सिटी के सभी गलियों तिराहों ,चौराहों ,चौक पर पुलिस प्रशासन मौजूद नही रह सकती परंतु पुलिस विभाग थोड़ा सख्त हो तो इनके वही अभिभावक जो” राजा साहेब” बनाकर सीना चौड़ा करते हुए रफ्तार भरी बाइक पर बिठाकर सीना चौड़ा करते हुए बबुआ को खुश होकर एक टक निहारते “अभिभावक”।
ऐसे मनचलो के पकड़े जाने पर 10 हजार आर्थिक दंड देते हुए अभिभावकों को सख्त चेतावनी देना पुलिस प्रशासन शुरू कर दे तो ट्रैफिक व्यवस्था के साथ ऐसे मनचलो की लगाम पर लगेगा कंट्रोल और सिटी में ही नही ग्रामीण एरिया में ऐसी घटनाओं का कम होना हम आप खुद ही देखेंगे।
वही जब इस पर गोरखपुर एसपी ट्रैफिक से बात की गई तो उन्होंने हफ्तों में इसकी मानीटरिंग कहे जाने की बात कहते हुए ऐसे मनचलो पर छुट्टी से आने के उपरांत सख्त कार्यवाही करने की बात कही गई।
साथ चौकी इंचार्ज बरगदवा से जब इस घटना की बात कही गई तो उनके द्वारा पुलिसीया तंत्र और तेज करते हुए चेकिंग करने के साथ इस तरह के मामला देखते ही गाड़ियों को सीज करने के साथ अभिभावक को बुलाकर आर्थिक दंड लगाते हुए कार्यवाही करने की बात कही गई।