अब ग्राम पंचायतों में मिलेंगी आधार सेवाएं: पंचायती राज विभाग को मिला UIDAI से रजिस्ट्रार और EA कोड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण नागरिकों को अब आधार नामांकन और अपडेट कराने के लिए शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने पंचायती राज निदेशालय को “रजिस्ट्रार” एवं “एनरोलमेंट एजेंसी (EA)” के रूप में अधिकृत किया है। इस कदम के तहत राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में स्थित ग्राम सचिवालयों में स्थायी आधार नामांकन एवं अद्यतन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और प्रमुख सचिव अनिल कुमार व निदेशक अमित कुमार सिंह के प्रयासों से यह योजना मूर्त रूप ले रही है। यह पहल डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने और आधार से जुड़ी सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है।
इन आधार केंद्रों का संचालन ग्राम पंचायत सहायकों द्वारा किया जाएगा, जो पहले से ही पंचायत सचिवालयों में विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाओं का संचालन कर रहे हैं। इन सहायकों को UIDAI द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जिसकी शुरुआत 11 अगस्त 2025 से होगी।
मुख्य उद्देश्य:
आखिरी व्यक्ति तक सेवा पहुंचाना: ग्रामीण, दूरस्थ एवं वंचित वर्गों को उनके द्वार आधार सेवाएं उपलब्ध कराना।
योजनाओं से जोड़ना: कल्याणकारी योजनाओं में आधार सीडिंग एवं प्रमाणीकरण को सरल बनाना।
रोजगार सृजन: पंचायत सहायकों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर उपलब्ध कराना।
वित्तीय समावेशन: आधार से लिंक बैंकिंग सेवाएं गाँव तक पहुँचाना।
संस्थागत क्षमता का उपयोग: ग्राम सचिवालय की संरचना का बेहतर उपयोग कर नागरिकों को केंद्रित सेवाएं देना।
इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर ने ग्रामीण जनता को बधाई देते हुए कहा, “यह सरकार की महत्वपूर्ण पहल है जो गाँव के लोगों को गाँव में ही सुविधा देने के संकल्प को साकार करती है। आधार जैसी महत्वपूर्ण सेवा को ग्राम पंचायत स्तर तक लाना आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की दिशा में बड़ा कदम है।”
प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने बताया, “यह डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देगा और ग्रामीण नागरिकों को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने में मदद करेगा।”
निदेशक अमित कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि यह योजना राज्य के सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और जल्द ही सभी पंचायतों में आधार सेवा केंद्र कार्यशील होंगे।
इस पहल से राज्य की 57,000 से अधिक ग्राम पंचायतों के नागरिकों को सीधे लाभ मिलेगा और उन्हें डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में नई राह मिलेगी।