लखनऊ(निर्वाण टाइम्स)।निर्वाचन आयोग ने राज्यों का दौरा करने के बाद वहां चुनाव की तैयारियां परखने के बाद शुक्रवार को मंथन किया और शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव की तारीख का एलान कर दिया। उत्तर प्रदेश में आठ चरणों में मतदान होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना सेफ चुनाव कराना इलेक्शन कमीशन की जिम्मेदारी है। हम इसके लिए तैयार हैं।मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सात चरण में होने वाले मतदान में पहले चरण का मतदान दस फरवरी को होगा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान होंगे। प्रदेश में दस फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, तीन मार्च को छठे चरण तथा सात मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा। इसके बाद 10 मार्च को मतगणना होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि कोरोना काल में चुनाव कराना बड़ी चुनौती है। कोरोना काल में चुनाव कराना बड़ी चुनौती है। कोविड को देखते हुए विधानसभा चुनाव नए कोविड प्रोटोकाल में होंगे। उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन कर सकते हैं। वह लोग सुविधा एप के जरिए ऑनलाइन नामांकन कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य कोविड सेफ इलेक्शन कराना है। इस बार पांच राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव होंगे। इनमें सर्वाधिक 403 विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हैं। पंजाब में 170, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 तथा गोवा में 40 विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में 29 प्रतिशत मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। सभी जगह पर पोलिंग बूथ ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाए गए हैं। सभी पोलिंग बूथ पर व्हीलचेयर की व्यवस्था होगी। चुनाव की तैयारी के लिए पहले हमने स्वास्थ्य सचिव, केन्द्र सरकार और हेल्थ एक्सपर्ट के साथ बातचीत की है। इस बार तो सभी रजनीतिक दलों को भी अपने उम्मीदवारों की क्रिमिनल हिस्ट्री अपनी वेबसाइट के होम पेज पर डालनी होगी। यह भी बताना होगा कि उनका चयन क्यों किया।मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि निर्वाचन आयोग का लक्ष्य मतदाता तथा मतदान को सुरक्षित कराने का है। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में सुरक्षित मतदान कराना हमारे लिए चुनौती है। हमने पांच जनवरी को मतदाता सूची का प्रकाशन किया है। हमने राज्य निर्वाचन आयोग से मिली सभी राय पर अध्ययन भी किया है। हम इसके लिए भी तैयार हैं। ओमिक्रोन भी तेजी से फैल रहा है। इसको लेकर हमने राज्यों का दौरा किया और बड़ी तैयारी के साथ चुनाव करा रहे हैं। सभी मतदान स्थल पर कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के साथ ही जल तथा अन्य प्रकार की सुविधा को हमने परखा है। हमने पोस्टल बैलट की भी व्यवसïथा की है। इसमें कोरोना से प्रभावित को भी मतदान का अधिकार होगा। निर्वाचन आयोग अब मतदाता के दरवाजे पर जाकर भी मतदान की प्रक्रिया को पूरी कराएगा। इस बार 16 प्रतिशत मतदान केन्द्र बढ़ाए गए हैं। इनमें 1600 पोलिंग स्टेशन महिलाएं संचालित करेंगी।उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड, पंजाब, गोवा तथा मणिपुर में चुनाव होंगे। पांच राज्यों में एक लाख से अधिक मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इस बार चुनाव आयोग ने लोक सभा और विधान सभा चुनाव में उम्मीदवारों के खर्चे की सीमा बढ़ा दी है। विधान सभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले खर्च को लेकर आयोग ने यह फैसला लिया है। बढ़ती महंगाई और राजनीतिक दलों की मांग के बाद बनी कमेटी की सिफारिश के आधार पर चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। बड़े राज्यों में लोक सभा चुनाव के लिए खर्च की सीमा को 70 से बढ़ाकर 95 लाख कर दिया गया है। दिल्ली और जम्मू कश्मीर को छोड़कर बाकी केन्द्र शासित राज्यों और छोटे प्रदेशों में लोक सभा चुनाव के लिए खर्च की सीमा 54 लाख से बढ़ाकर 75 लाख की गई है।उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में आयोजित हुए। इन चुनावों में मतदान प्रतिशत लगभग 61% रहा। भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटें जीतकर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबंधन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को मतगणना
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। 10 मार्च को पांचों राज्यों में मतगणना होगी।
सोशल मीडिया पोस्टों पर भी रहेगी नजर
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि यूपी में 10 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जबकि 21 जनवरी नामांकन की लास्ट डेट रखी गई है। निर्वाचन आयुक्त ने यह भी कहा कि इस बार सोशल मीडिया पोस्टों पर भी कड़ी नजर रहेगी। नफरत वाले भाषणों यानी हेट स्पीच को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विजय जुलूस की भी इजाजत नहीं
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- डोर-टु-डोर कैंपेन में भी अधिकतम पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इसमें शामिल होने वाले लोगों के लिए कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था राजनीतिक दल ही करेंगे। मतगणना के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी।
15 जनवरी तक रोड शो, रैली, जुलूस की इजाजत नहीं
कोरोना की चुनौतियों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं 15 जनवरी तक कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित की जाएगी। बाद में डीटेल गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।