रमियाबेहड़ के श्रद्धा नर्सिंग होम में मरीजों के जीवन से हो रहा खिलवाड़

लखीमपुर-खीरी(एस.पी.तिवारी/रवि पाण्डेय) ।जनपद के रमियाबेहड़ कस्बे में एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के नाम पर बडा खेल खेला जा रहा है। आरोप है कि अवैध रूप से चल रहे इस अस्पताल में झोलाछाप डाक्टर व अनट्रेंड नर्सो द्वारा मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। वही इस अस्पताल में धडल्ले से गर्भपात कर कोख में ही कत्ल भी किये जा रहे है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अफसर इस अवैध अस्पताल के काले कारनामों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहे है।
जानकारी के मुताबिक खीरी जनपद की रमियाबेहड़ सीएचसी के अंतर्गत रमियाबेहड़ कस्बें में धौरहरा रोड पर श्रद्धा नर्सिंग होम नाम से एक प्राईवेट अस्पताल चल रहा है। इस अस्पताल को विमल श्रीवास्तव व कमलेश निषाद संचालित कर रहे हैं। आरोप है कि श्रद्धा नर्सिंग होम नाम से चल रहे इस अस्पताल का अभी तक कोई भी रजिस्ट्रेशन नही हुआ है और न ही कोई डिग्रीधारी डाक्टर यहां बैठते हैं। हालांकि मरीजों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए यहां अस्पताल के बोर्ड पर नामीगिरामी डाक्टरों के नाम लिख रखें है। जबकि वास्तविकता यह है कि यहां झोलाछाप डाक्टर व अनट्रेंड नर्से धडल्ले से मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने में जुटे हैं।
आरोप है कि श्रद्धा नर्सिंग होम के संचालक विमल श्रीवास्तव खुद को बीएमएस डाक्टर बताते है, जबकि क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि विमल श्रीवास्तव व कमलेश निषाद दोनों ही झोलाछाप डाक्टर है। रमियाबेहड़ कस्बे में अस्पताल खोलने से पहले दोनों काफी समय से लबेदपुर गांव में अस्पताल चला रहे थे। लेकिन बीती 2 अक्टूबर को गलत इलाज के चलते जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई थी। जिसके चलते इन्होंने लबेदपुर में अस्पताल बन्द कर रमियाबेहड़ में श्रद्धा नर्सिंग होम नाम से नया अस्पताल शुरू कर दिया है। बताते हैं कि इस अस्पताल के संचालक विमल श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य विभाग के साथ सांठगांठ कर रखी है, इसी सांठगांठ के चलते बिना रजिस्ट्रेशन व बिना डिग्रीधारी डाक्टर के अवैध रूप से सरेआम बेरोकटोक अस्पताल चलाया जा रहा है।

रमियाबेहड़ कस्बे के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि श्रद्धा नर्सिंग होम के संचालक ने सीएचसी समेत अन्य गावों में अपने पीआरओ (एजेंट) लगा रखें है। यही एजेंट अपने कमीशन के लालच में अच्छे इलाज का झांसा देकर मरीजों को यहां भर्ती कराते है। उसके बाद मरीजों का जमकर शोषण किया जाता है। बताया जाता हैं कि इस अस्पताल में मोटी रकम वसूल कर अवैध रूप से गर्भपात भी धडल्ले से किया जाता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के ईमानदार अफसरों के सदका इस अस्पताल के झोलाछाप डा्क्टर व संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नही हुई।

जिम्मेदार कहते हैं..

इस बाबत में जब रमियाबेहड़ सीएचसी प्रभारी डा.अनिल वर्मा ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों के रजिशट्रेशन का रिकॉर्ड सीएमओ कार्यालय पर रहता है, अगर किसी प्राइवेट अस्पताल की शिकायत आती है तो तत्काल कार्यवाई की जायेगी।फिलहाल अब देखना यह है कि क्या वास्तव में स्वास्थ्य विभाग के अफसर इस अवैध अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही करते हैं या फिर पहले की तरह ही उन्हें अभयदान देकर अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करते हैं।