पत्रकार हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, बाबा ने कांट्रेक्ट किलर से कराई हत्या

बाबा के कई राज जान चुके पत्रकार राघवेंद्र की सुपारी देकर बाबा ने कराई हत्या, बाबा व सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेन

 

सीतापुर। महोली थाना क्षेत्र के निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 08 मार्च को इमलिया सुल्तानपुर इलाके के हेमपुर नेरी के ओवर ब्रिज पर सीतापुर आते समय सरेराह गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी, जिसकी एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस ने गुत्थी सुझा नही पाई थी। पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए कई टीमें लगाई हुई थी। जो अपर पुलिस अधीक्षक डॉ० प्रवीण रंजन सिंह के परिवेक्षण में तथा क्षेत्राधिकारी महोली विशाल गुप्ता के नेतृत्व में थाना महोली व एसओजी पुलिस टीम द्वारा 03 अभियुक्तों 1. बाबा शिवानन्द उर्फ विकास राठौर पुत्र केशवराम निवासी ग्राम अहाता कप्तान हबीबपुर थाना रामकोट हाल पता कार्यदेव बाबा मन्दिर ग्राम कचूरा थाना महोली 2. निर्मल सिंह पुत्र वीर बहादुर सिंह निवासी रामपुर नया गांव थाना इमलिया सुल्तानपुर 3.असलम गाजी पुत्र अख्तर अली निवासी हरिकिशनपुर थाना इमलिया सुल्तानपुर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जिनमें गिरफ्तार अभियुक्त बाबा शिवानंद उपरोक्त से एक मोबाइल फोन एण्ड्रायड रियलमी कम्पनी, एक मो0 फोन व रंग आसमानी ग्रे है जिसके पीछे Iphone का लोगों बना है, दो पीली धातु की चैन, चार अंगूठी पीली धातु, एक थाली सिल्वर धातु, एक लोटा सिल्वर धातु, एक जल पात्र सिल्वर धातु, एक छोटी कटोरी सिल्वर धातु , एक ज्योति सिल्वर धातु, एक टूटा चम्मच जिसमे गोल्डन पालिश है तथा 35 सिक्के सिल्वर धातु, एक चैनदार लैदर बैग तथा गिरफ्तार अभियुक्त निर्मल उपरोक्त से कुल 17000 रूपये नगद, एक मोबाइल फोन जिस पर चौकोर चमकदार प्रतीक बना वीवो कंपनी एवम् गिरफ्तार अभियुक्त असलम गाजी उपरोक्त से कुल 15000 रूपये तथा एक छोटा मोबाइल कीपैड सैमसंग डुओस बरामद हुए हैं

पत्रकार हत्याकांड का संक्षिप्त विवरण

थाना महोली निवासी राघवेन्द्र बाजपेयी की हत्या 08 मार्च 2025 को अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर की गयी थी जिसके संबंध में मु.अ.सं.87/25 धारा 126(2)/103(1)बीएनएस अंकित किया गया था। घटना के अनावरण हेतु सीतापुर पुलिस की कुल 12 टीमों सर्विलांस / एसओजी/फील्ड यूनिट के साथ में लगी थीं। घटना के अनावरण हेतु अन्य विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी लगातार प्रयास किया जा रहा था। फील्ड युनिट द्वारा घटनास्थल का सीन रिक्रियेशन कराया गया मौके से सभी साक्ष्य संकलित किये गये।
पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेयी, महोली कस्बे में अपने परिवार के साथ निवास करते थें तथा इनके पिता एक स्थानीय मंदिर में पुजारी का काम करते थे। घटना के पश्चात पुलिस द्वारा राघवेन्द्र के विभिन्न प्रचलित विवादों में जांच पड़ताल की गई। प्रचलित विवादों में से धान खरीद के संबंध में अखबार में खबर प्रकाशित करना जिसके कारण कतिपय सरकारी कर्मचारियों की जांच व विभागीय कार्यवाही होना, एक लेखपाल द्वारा स्थानीय प्रोपर्टी डीलर के माध्यम से एक जमीन खरीदना जिसकी शिकायत होने पर दाखिल खारिज निरस्त होना, पूर्व के प्रचलित विभिन्न अवैध संबंधों का होना आदि- प्रमुख थे। इसकी अतरिक्त करीब 15 अन्य छोटें विवाद भी पुलिस की जानकारी में आयें। उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर सर्विलांस के माध्यम से तथा लगभग 100 व्यक्तियों को बुलाकर पूछताछ के माध्यम से जांच पड़ताल की गई परन्तु कोई प्रतिकूल तथ्य घटना के संबंध में प्रकाश में नहीं आया।

मंदिर के तांत्रिक बाबा के कुकर्मों की भनक लगने के कारण की गई पत्रकार की हत्या

राघवेन्द्र बाजपेयी का महोली क्षेत्र में स्थित कार्यदेव मंदिर पर लगातार आना-जाना था। पिछले 05-06 महीनों से मृतक का मंदिर पर आना-जाना काफी बढ़ गया। मंदिर के मुख्य पुजारी रमाकान्त मिश्रा निवासी कारीपाकर थाना महोली जनपद सीतापुर हैं। मंदिर में ही एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम विकास राठौर निवासी ग्राम अहाता कप्तान , हबीरपुर थाना रामकोट जनपद सीतापुर है, जो नाम बदलकर विकास मिश्रा उर्फ शिवानन्द के नाम से मंदिर पर पिछले 05 वर्षों से रहता है। इसके द्वारा मुख्य पुजारी की पूजा इत्यादि में मदद की जाती है व व्यक्तिगत स्तर पर ज्योतिष/तंत्र/अन्य धार्मिक क्रियाकलापों को किया जाता है। विकास राठौर का उपरोक्त क्रियाकलापों के संबंध में लगातार विभिन्न जनपदों में व सीतापुर के विभिन्न स्थानों पर आना जाना होता है। राघवेन्द्र द्वारा मंदिर पर जाने के क्रम में उपरोक्त विकास राठौर से दोस्ती हो गई। विकास राठौर द्वारा मंदिर में व्यवस्था में मदद करने वाले एक नाबालिग बच्चे के साथ में पिछले कुछ महीनों से दुष्कर्म किया जा रहा था। विकास राठौर की अनेक व्यक्तियों से भी समलैंगिक संबंध थे। मंदिर जाने के क्रम में फरवरी माह के प्रारम्भ में राघवेन्द्र वाजपेई ने विकास को नाबालिग बालक के साथ संबंध बनाते हुए देख लिया था। विकास राठौर को भय था कि राघवेंद्र वाजपेयी द्वारा उनके ये कुकृत्य जगजाहिर हो जायेंगे और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा व मंदिर में स्थान छिन जायेगा।
विकास द्वारा अपने कृत्यों के उजागर होने के भय से अब राघवेन्द्र को अपने रास्ते से हटाने का निर्णय किया। विकास द्वारा मंदिर पर बीच- बीच में आने वाले दो अपराधियों को संपर्क किया गया जिनके नाम निर्मल सिंह निवासी रामपुर नयागांव थाना इमलिया सुल्तानपुर तथा असलम गाजी निवासी हिरिकशनपुर थाना इमलिया सुल्तानपुर हैं। विकास के द्वारा उक्त आरोपियों से पैसे के एवज में राघवेन्द्र की हत्या करने को कहा गया। विकास के द्वारा इन लोगों को संपर्क करने हेतु राहगीरों के मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया गया जिससे की उस तक घटना न जुड़ सके। विकास द्वारा इन दोनों आरोपियों को कुल 04 लाख रूपये नगद दिये गये। तत्पश्चात इन आरोपियों द्वारा विकास से अपना नम्बर डिलीट करवाया गया। तथा उनसे संपर्क न रखने को कहा गया तथा भरोसा दिलाया कि एक महीने के अंदर राघवेन्द्र को रास्ते से हटा दिया जाएगा। विकास भी घटना के इंतजार में राघवेन्द्र से मधुर संबंध रखने लगा ताकि मृतक राघवेंद्र को कोई शक न हो।
पुलिस द्वारा उपरोक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सर्विलांस व चश्मदीद गवाहों के बयान के आधार पर उपरोक्त दोनों का विकास राठौर से मिलने आना-जाना व घटना के समय घटनास्थल के पास रैकी के उद्देश्य से घूमना प्रमाणित हुआ है। विकास द्वारा उपरोक्त दोनो आरोपियों को राघवेनद्र की पहचान कराने हेतु उसकी एक फोटो मोबाईल पर दिखाकर, मोबाईल से ही फोटों खींची गई थी। उपरोक्त दोनों आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं।

चार लाख की सुपारी दे कर की गई पत्रकार की निर्मम हत्या

निर्मल सिंह व असलम गाज़ी के द्वारा सीतापुर के मूल निवासी जनपद से बाहर रह रहे दो पेशेवर अपराधियों से संपर्क किया गया और 1 लाख रूपये अपने पास रख लिए और 03 लाख रूपये पेशेवर अपराधियों को दिये गये। पुलिस द्वारा मृतक के घर में घटनास्थल व उसके आगे जाने वाले मार्गों पर सी0सी0टी0वी फुटेज एकत्र किये गये सी सी टी वी फुटेज के अवलोकन से दो संदिग्ध बाईक प्रकाश में आयीं जो पूरे रास्ते मृतक का पीछा करते दिखाई दीं। घटनास्थल की कोई सी सी टी वी फुटेज उपलब्ध नहीं है। घटनास्थल के तुरंत बाद पेट्रोल पम्प पर सी सी टी वी फुटेज उपलब्ध है जिससे उपरोक्त बाईक सवार घटनास्थल से फरार होते हुए दिखे पेट्रोल पम्प पर उपस्थित चश्मदीद साक्षियों के द्वारा भी फुटेज को कंफर्म किया गया है। सी सी टी वी के आधार पर दो मुख्य आरोपियों की पहचान कर ली गई है जिनकी गिरफ्तारी हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है व शीघ्र ही इनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
बताया यह जा रहा है कि 06/07/08 मार्च की तारीखों को विभिन्न बहानों से कथित बाबा विकास ने मृतक राघवेन्द्र को अपने पास बुलाया, दिनांक 06 मार्च की शाम को मृतक राघवेन्द्र, विकास, रमाकान्त अपने कुछ अन्य साथियों के साथ खीरी में रासलीला का एक कार्यक्रम भी देखने को गये जहां पर विकास की मुलाकात कोमल मिश्रा नामक व्यक्ति से हुई जो रासलीला में कलाकार था। विकास इसके बाद कोमल से भी संबंध बनाने का प्रयास करने लगा। दिनांक 08.03.2025 की सुबह 10 से 12 बजे के मध्य विकास ने राघवेन्द्र को किसी बहाने से मंदिर बुलाया। मंदिर से वापस जाकर विकास अपने अन्य कार्यों के बाद महोली से सीतापुर जा रहे थे। जब दोपहर 03 बजे राघवेन्द्र की हत्या की घटना हुई थी। विकास को कई व्यक्तियों के माध्यम से फोन पर हत्या की सूचना प्राप्त हुई। दोपहर 03.40 बजे विकास ने कोमल को संपर्क किया कोमल ने पूछताछ में बताया कि विकास ने उससे कहा कि आज एक बड़ा काम हो गया है, चलो पार्टी करते हैं। इसके पश्चात विकास व कोमल ने विभिन्न स्थानों पर जाकर शॉपिंग की। सीतापुर के राजस्थानी होटल में शाम के समय खाना खाया फिर राजस्थानी होटल में ही एक कमरा बुक कराकर साथ में रात व्यतीत की, जहां विकास द्वारा कोमल के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाये गये। कमरे में मंगाकर 06 बीयर व भांग का भी सेवन किया गया।
जानकारों की माने तो कथित बाबा विकास का मृतक से लगभग रोज का मिलना था लेकिन हत्या के बाद उसने मृतक के परिवार से न ही कोई संपर्क किया न ही मिलने गया।
यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा दिनांक 11 मार्च को जब पहली बार मंदिर जाकर राघवेन्द्र से जान पहचान के संबंध में विकास से पूछा गया तो उसने कोई विशेष जान पहचान होने से इंकार किया तथा तत्काल ही हाईकोर्ट के अधिवक्ता को अग्रिम जमानत हेतु संपर्क किया गया। घटना के दिन कोमल के साथ पार्टी जाने से पहले मुख्य पुजारी को बताया था कि वह नैपालापुर में अनुष्ठान के लिए जा रहा है।
गिरफ्तार अभियुक्तगण उपरोक्त का चालान न्याया0 किया जा रहा है। जनपद में अपराध एवम् अपराधियों के विरुद्ध निरंतर एवम् प्रभावी कार्यवाही इसी प्रकार चलती रहेगी।
घटना में शूटर की गिरफ्तारी के बाद यदि पूरे घटनाक्रम में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता प्रकाश में आती है, तो उस पर भी वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। विस्तृत विवेचना प्रचलित है।
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बॉक्स

थाना महोली पुलिस टीम: प्रभारी निरीक्षक दिलीप कुमार चौबे, उपनिरीक्षक सुनील सिंह, हे0का0 जय प्रकाश बाजपेई, का0 मोहित साहू, का0 कपिल कुमार, का0 वसीक कुमार, का0 अमित गौतम एवं
एसओजी टीम: प्रभारी निरीक्षक सतेंद्र विक्रम सिंह, उ.नि. राजबहादुर, हे.का.शराफत, हे.का.रोहित तोमर, क.ऑ.गुरपाल सिंह, का.दीपक रंजन, का.भूपेंद्र राणा, का.अभिषेक तोमर, का.अंकुर बालियान, महिला आरक्षी डॉली रानी, मु0अ0 विष्णु कुमार सिंह, आरक्षी प्रशान्त शेखर सिंह, आरक्षी रवि सिंह, आरक्षी दानवीर सिंह, मुख्य आरक्षी विशाल गुप्ता, आरक्षी चन्द्रप्रकाश वर्मा, आरक्षी राहुल कुमार, आरक्षी सोहनपाल, आरक्षी भानू राठी, आरक्षी सैंकी यादव आदि शामिल रहे।