चुनाव आयोग का अल्टीमेटम! राहुल गांधी ने क्यों कहा- ‘मैंने संविधान की शपथ ली है’

नई दिल्ली (एजेंसी)।कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग के सूत्रों ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि राहुल गांधी अपने बयानों पर भरोसा रखते हैं, तो उन्हें शपथ-पत्र देकर अपने आरोपों को प्रमाणित करना चाहिए। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।चुनाव आयोग के अनुसार, राहुल गांधी के पास अब दो ही रास्ते हैं—या तो अपने आरोपों पर हलफनामा दें, या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। आयोग ने राहुल द्वारा लगाए गए आरोपों को “गंभीर लेकिन अप्रमाणित” बताया और कहा कि “लोकतांत्रिक संस्थाओं पर इस तरह का हमला बिना प्रमाण के स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
पहले भी की गई थी हलफनामे की मांग
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी से चुनाव से संबंधित आरोपों के प्रमाण मांगे गए हों। इससे पहले कर्नाटक के महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल से शपथ-पत्र और सबूत मांगे थे। इसी प्रकार, महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनावों में हुई कथित धांधली के मामले में भी स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने उनसे मतदाता सूची में जोड़ने-घटाने के ठोस प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा था।
राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए?
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ 25 सीटों के अंतर से तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। अगर कुछ और सीटों पर गहराई से जांच की जाए, तो चुनाव प्रक्रिया की असलियत सामने आ जाएगी।”
राहुल ने कर्नाटक के महादेवपुर क्षेत्र में मतदाता सूची से संबंधित आंकड़ों को न दिए जाने पर भी आयोग की आलोचना की और कहा कि इससे लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।
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‘मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है’
राहुल गांधी ने कर्नाटक में ‘वोट अधिकार रैली’ को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग के हलफनामा मांगने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है। मेरे से एफिडेविट क्यों मांगा जा रहा है?”उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जैसे ही जनता ने चुनाव आयोग से आंकड़े मांगने शुरू किए, आयोग ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश की अपनी वेबसाइट बंद कर दी। उनके अनुसार, “चुनाव आयोग को डर है कि सच्चाई सामने आ जाएगी।”
वोट का अधिकार संविधान की आत्मा
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान देश के हर नागरिक को मतदान का अधिकार देता है और इस अधिकार के साथ कोई भी छेड़छाड़ संविधान के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, नेहरू और पटेल की आत्मा इस संविधान में बसती है और उसे किसी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।राहुल ने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बाद महज चार महीने में एक करोड़ नए मतदाता सामने आ गए, जिससे भाजपा को विधानसभा चुनाव में जीत मिली। उन्होंने इसे “चौंकाने वाली बात” बताते हुए चुनावी प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़ी का संकेत दिया।