सपा की लग रही पाठशाला में “प्रिंसिपल” की भूमिका में दिख रहे “साजन”

फटकार के साथ पुचकार के बीच मार्मिक संवाद की झलक

विधानसभा स्तर पर बनी बूथ कमेटियों की हो रही परख

सदर जयसिंहपुर की कमेटी मिली “अव्वल”

सुलतानपुर(विनोद पाठक)। सदर विधानसभा में सपा की लगी पाठशाला में बूथ कमेटी की मानिटरिंग कर रहे साजन प्रिंसिपल की भूमिका में दिखे। प्रिंसिपल की जिम्मेदारी,जवाबदेही के प्रति सजग भी। अनुशासन के पाठ की भी सीख। सिलसिलेवार कार्यकर्ताओं सिखया भी। मजबूत कमेटी की हुई परख पर पीठ भी खूब थाथपाई। कार्यकर्ताओं को उत्साहित भी किया,ऊर्जा भी भरी। कुल मिला के जो एक कुशल प्रिंसिपल की नैतिक जिम्मेदारी होती है, उसका निर्वहन भी किया, फटकार के साथ पुचकार की झलक भी दिखी। प्राचार्य और शिष्य के बीच हुए मार्मिक संवाद से मिशन की ऊंचाई से मंजिल की तलाश की पुरजोर कोशिश की गई। अब मंजिल नजदीक नही तो दूर भी नही। बशर्ते बूथ कमेटी मजबूत और कार्यकर्ता ईमानदार, ईमानदारी से वर्क करे। “साजन” के भाषण के सब के सब कायल भी हुए।जिससे कि लक्ष्य को साधा जा सके। इसकी कसमें खाई गई और खिलाई गईं। सौ “कैरेट” की मिली कमेटी पर पूर्व विधायक समेत पदाधिकारियों की पीठ थपथपाने का काम “साजन” ने किया।
सदर जयसिंहपुर में पूर्व विधायक अरुण वर्मा द्वारा बनाई गई बूथ कमेटी की मानिटरिंग करने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री सुनील साजन, पूर्व मंत्री मुनीर अहमद, जिला के सेनापति रघुबीर यादव के साथ पहुंचे। पहले से ही लगी सपा की “पाठशाला” में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की वकायदे हाजिरी ली गई। अव्वल मिलने पर पीठ थपथपाई गई। सुझाव लिए गए और दिए भी गए। पार्टी के लिए बूथ कमेटी कितनी महत्वपूर्ण होती है, इसके भी टिप्स दिए गए। बूथ स्तर पर कमेटी कैसे वर्क करेगी? लोग पार्टी से कैसे जुड़ेंगे, पदाधिकारी आधी आबादी से कैसे संवाद करेंगे, इसके भी गुरु सिखाए गए। सलाह ली गई, मशविरा दिया गया। हर बूथ कमेटी में एक तेजतर्रार महिला को जिम्मेदारी देने की भी वकालत मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि ने मंच से की। मजबूत कमेटी जरूरी क्यों है। किस किस्म की कमेटी होनी चाहिए, तुलना पश्चिम बंगाल से की गई। लखनऊ से आए डिप्टी “प्रिंसिपल” मुनीर अहमद ने बकायदा बयां किया कि बूथ कमेटी के ही दम पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार हैट्रिक लगा रही हैं। इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी मजबूत कमेटी बनाने के लिए जोर दिया है कार्यकर्ता मजबूती के साथ इमानदारी से बूथ कमेटी बनाएं, निश्चित तौर पर आने वाला कल सपा का होगा। इस लिए कमेटी की परख की जा रही है, हकीकत समझी जा रही है कि संगठन और विधानसभा प्रभारी का नई कमेटी बनाने के प्रति लगाव कैसा है। सदर जयसिंहपुर जो जिले की मजबूत बूथ कमेटियां मानी जाती है। जिनके बारे में सामने से और मंच से मजबूती की बात की गई, उदाहरण दिए गए, उसमें पूर्व विधायक अरुण वर्मा अव्वल निकले। विधानसभा में बने सेक्टर प्रभारी, बूथ प्रभारी,श प्रभारी की उपस्थिति करीब-करीब सौ प्रतिशत रही। इस पर सपा की लगी पाठशाला में प्रिंसिपल की भूमिका में दिखे मुख्य अतिथि सुनील साजन ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाई। सुनील साजन कई बिंदुओं पर बेबाकी से अपनी बात रखी। कार्यकर्ताओं को समझाने का और दूसरे दल से लोगों को निकाल कर रिझाने का तरीका भी बताए। सपा का भीठ छोटा विपक्ष का भी बड़ा, अपना सपा का भीठ कैसे बड़ा बनेगा? इसके कई तरीके बताए और समझाए। उन्होंने कहा कि सपा के पास बताने को सब कुछ है, लेकिन झूठ बोलने वाली, समाज में नफरत पैदा करने वाली, धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी के पास जनता को बताने के लिए कुछ नहीं है, केवल धर्म के आड़ में अपनी दुकान चलाने का काम विपक्षी कर रहा है। उस “तिलिस्म” को सपा के ऊर्जावान घोड़ों को तोड़ना है और यह तिलिस्म तभी टूटेगा जब मजबूती के साथ कार्यकर्ता बूथ कमेटी बनाए। जनता के बीच में अपनी बात रखें, जिसमें मर्यादा का विशेष ख्याल रहे। अमर्यादित भाषा से नुकसान हो सकता है, फायदा नहीं। इसलिए सपा के अनुशासित सिपाही अपनी बात को जनता के बीच में मर्यादित ढंग से रखे, निश्चित तौर पर सपा की ओर निहार रही जनता सपा के साथ जुड़ेगी। मिशन एक होना चाहिए, अगर उस लक्ष्य पर काम किया जाएगा तो सफलता सपा के कदमों में होगी। इसी विश्वास के साथ कार्यकर्ताओं में “साजन” ने उत्साह भरा,ऑक्सीजन से “लबरेज” हुए कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाया गए खुद संकल्प पदाधिकारियों ने लिए कि किसी भी दशा में पार्टी को मजबूत कर नकली बैकवर्ड को नहीं, असली बैकवर्ड के नेता को को दिल्ली की कुर्सी पर बैठाना है। यह तभी संभव है जब सभी जात धर्म अगड़े पिछड़े दलित बिरादरी के लोगों का संगम होगा। सभी को साधने की जरूरत है। सभी को साथ ले चलने की कोशिश करें। इस बात को बल तब और मिलता है जब पूर्व विधायक द्वारा बनाई गई बूथ कमेटी,सेक्टर प्रभारियों, बूथ अध्यक्षों की कमेटी प्रिंसिपल के पास पेश की गई और डिप्टी प्रिंसिपल ने मानिटरिंग किया तो उसमें क्षत्रिय, ब्राह्मण, श्रीवास्तव, निषाद, पाल,मौर्य, यादव, मुस्लिम, वर्मा, प्रजापति आदि सभी जातियों का समावेश का संगम देखने को मिला। सौ प्रतिशत उपस्थिति मिली शानदार कमेटी के लिए लखनऊ से आए पदाधिकारियों ने पूर्व विधायक अरुण वर्मा समेत उनके पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाई और भरोसा दिया कि सेक्टर पदाधिकारियों में ऑक्सीजन भरने के लिए स्थलीय सत्यापन के लिए बैठक होंगी। कमी रहने पर उसे दूर करने का काम किया जाएगा। जिससे पार्टी और जनता के बीच मजबूत रिश्ता बन सके।

 

बूथ कमेटी पर जोर

इस बार लोकसभा चुनाव को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंभीरता से लिया है। बूथ कमेटी मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इसके लिए हर जनपद में लोकसभा प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। उसी तारतम्य में कई दिनों से मुख्य अतिथि सुनील साजन, विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री मुनीर अहमद, पूर्व विधायक अरुण वर्मा जिले में डेरा डाले हुए हैं और विधानसभा स्तर पर बूथ कमेटियों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इस पर विशेष बल दिया जा रहा है कि बूथ कमेटी में कागजी “घोड़ा” न दौड़ा जाए। जमीन पर बूथ कमेटी की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। सक्रिय कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाए। निष्क्रिय को कमेटी से दूर रखा जाए। जिससे आने वाले समय में चुनौतीपूर्ण लोकसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी जीत सके। इस दिशा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो कदम उठाया है निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है।

 

अखिलेश “दूत” ने छेड़ी नई “तान”

अखिलेश के दूत बनकर आए “साजन” ने जो “तान” छेड़ी है, अपने में बेमिसाल है। साजन की छेड़ी गई “तान” से पार्टी को “संजीवनी” मिल सकती है। बशर्ते उसे पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को समझने की जरूर है और समय की मांग भी। उस पर ईमानदारी से काम करने की जरूरत भी । अपर कास्ट का सहयोग कैसे मिले, इसकी मुहिम छेड़ने की जरूरत है। इन्हें कैसे मोड़कर पार्टी के अंदर लाया जाए,इसके लिए इतिहास के पन्नों को पलटना पड़ेगा,पीछे मुड़कर देखना पड़ेगा।रास्ता अपने आप मिलेगा। इन्हें जोड़ने के लिए जो तरीका अखिलेश “दूत” ने निकाला है, वह पार्टी के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा। इस पर पार्टी को और पार्टी के नेताओं को काम करना चाहिए। जिस दिन इस “मूवमेंट” को लेकर पार्टी और पार्टी के पदाधिकारी चलेंगे तो निश्चित तौर पर वह समय दूर नहीं जब समाजवादी पार्टी प्रदेश में इतिहास लिखने और रचने का काम करेगी। इस महत्वपूर्ण बिंदु पर मुख्य अतिथि सुनील साजन का “फोकस” बहुत ही तगड़ा चल रहा है। कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को समझाने की कोशिश भी बड़े ही शानदार तरीके से कर रहे हैं।