समे माई करती हैं भक्तों की मनोकामना पूर्ण

बघौचघाट के पिपरादाऊद गांव स्थित समे माई स्थान पर लगती है भीड़

निर्वाण टाइम्स ब्यूरो

बघौचघाट(देवरिया)। पथरदेवा विकास खंड के पिपरा दाउद गांव में स्थित समे माई की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है। यहां दूर दूर से लोग आते हैं और मुरादे पूरी होने पर मंदिर परिसर में स्थित नीम के पेड़ में साड़ी बाधी जाती है। पथरदेवा विकास खण्ड के पिपरा दाऊद गांव में बहुत ही पुराना मां दुर्गा का स्थान हैं जिसे लोग समे माई के नाम से पूजते हैं। इस स्थान पर शुक्रवार और सोमवार को भीड़ लगती हैं। लेकिन चैत्र नवरात्र में इस स्थान का महत्व बहुत बढ़ जाता हैं। यहां बहुत दूर दूर से भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर साड़ी बांधने आते है। इस स्थान की मान्यता है कि जो भक्त मन्नत मांगता है वह जरूर पूरा होता हैं।उसके बाद वह व्यक्ति चैत्र नवरात्र में आकर माता के स्थान पर स्थित नीम के पेड़ पर एक साड़ी जरूर बाधता हैं। यहां के लोगों ने बताया की यह स्थान पूरा जंगल था। इस घने जंगल मे लोग जानवर चराने आते थे। तभी गांव के लोगो ने एक चमत्कार देखा कि पूरा जंगल सुख जाता था पर एक स्थान ऐसा था जो कभी नही सूखता था जहां सभी जानवर इकठ्ठा होकर हरी पत्तियां खाते थे और वहां हमेशा हरियाली रहती था। लोगो ने देखा कि वहां एक पिंडी हैं जिसमें काफी चमक हैं। उस पिंडी को काफी लोग उठाना चाहते थे पर वह छोटी पिंडी अपने स्थान से तनिक भी नहीं हिली। तभी से लोग उस पिंडी को पूजने लगे। आज दूर दराज के लोग भी अपनी मन्नते लेकर आते है और पूरा होने पर इस स्थान पर चैत्र नवरात्र में पहुंचकर पूजन अर्चन करते है।