STUDENT FOR DEVELOPMENT (विकासार्थ विद्यार्थी) इकाई ने दूसरे रविवार भी चलाया ‘निर्मल गंगा’ अभियान।
गंगा को साफ करने आगे आये गयासुद्दीन,असलम,अफ़ज़ल जैसे मुस्लिम युवक।
वाराणसी।। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा समय-समय पर रचनात्मक कार्यों के माध्यम से समाज को संदेश देने तथा विद्यार्थियों को राष्ट्र को आगे बढ़ाने हेतु नई दिशा दिखाने का काम किया जाता रहता है। इसी प्रकार परिषद का एक आयाम विकासार्थ विद्यार्थी (स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट) भी पूरे देश भर में चलाया जाता है। जिसके माध्यम से विद्यार्थी ऐसे विकास कार्यों के सहभागी बनने का प्रयास करते हैं जो बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए प्राप्त किया जाता है। समय-समय पर विकासार्थ विद्यार्थी द्वारा पौधा रोपण ,रक्तदान शिविर,स्वच्छ्ता अभियान चलाया जाता रहा है।
इसी क्रम में आज काशी महानगर इकाई द्वारा *दूसरे रविवार* को गंगा एवं घाटों की स्वच्छता हेतु 2 घंटे के श्रम दान का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का नाम *”निर्मल गंगा”*- ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’ रखा गया है। यह मंच राष्ट्रवादी विचारों से ओतप्रोत उन विद्यार्थियों का है जो राष्ट्र के विकास कार्यों में सहभागी बनना चाहते हैं।
निर्मल गंगा कार्यक्रम के लिए आज सुबह सभी का एकत्रीकरण रीवा घाट पर हुआ जिसके पश्चात आस पास के सभी घाटो की सफाई की गई। इस पुनीत कार्य हेतु *’श्री गंगा सेवा समिति’* के संयोजक विकास जी द्वारा निशुल्क किट की व्यवस्था कराई गई। जिससे स्वच्छता करने में और भी सहायता प्राप्त हो पाई।
इस कार्यक्रम में मुस्लिम युवकों ने भी श्रमदान कर गंगा को निर्मल करने का संदेश दिया। जिसमें गयासुद्दीन कुरेशी, असलम और जहांगीर जैसे मुस्लिम समाज के युवकों ने धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर नई पीढ़ी को दिल्ली हिंसा से परे एक संदेश देने का प्रयास किया गया।
विकासार्थ विद्यार्थी के ‘निर्मल गंगा’ कार्यक्रम में *महानगर उपाध्यक्ष डॉ उर्जस्विता सिंह जी का विशेष रूप से रहना हुआ। उन्होंने बताया कि “गंगा हमारी संस्कृति की अनुपम धरोहर है। इसे धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर स्वच्छ करना चाहिए तथा इस पर बड़ी परियोजनाओं से जल स्वच्छ हो सकता है लेकिन घाटों की और पॉलिथीन से बचाने की जिम्मेदारी नई पीढ़ी की है*।
दो घंटे के से अधिक चले इस अभियान में कार्यकर्ताओं सहित घाट पर खड़े सैकड़ों युवकों ने भी अपना श्रमदान किया। इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अभय प्रताप सिंह और प्रदेश सह मंत्री आकृति जी का भी रहना हुआ।